Kharmas 2021 Start Date: हिंदू धर्म में खरमास का विशेष महत्व माना गया है. खरमास को मलमास के नाम से भी जाना जाता है. खरमास की अवधि एक माह की होती है. खरमास को आध्यात्मि कार्य करने के लिए उत्तम माना गया है. खरमास में धार्मिक कार्य करने से जीवन में आने वाले कष्टों से मुक्ति मिलती है. खरमास को भगवान विष्णु का प्रिय मास भी कहा गया है.


खरमास क्या है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब जब सूर्य बृहस्पति की राशि धनु राशि या मीन राशि मे प्रवेश करते हैं तो खरमास आरंभ होते हैं. खरमास में मांगलिक कार्य, विवाह और यज्ञोपवित जैसे कार्य नहीं किए जाते हैं. खरमास में पूजा पाठ आदि का विशेष महत्व बताया गया है. इस मास में भगवान की उपासना और भजन करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है.


खरमास कब आरंभ हो रहे हैं
पंचांग के अनुसार सूर्य 14 मार्च 2021 से 14 अप्रैल 2021 तक मीन राशि मे होने के कारण खरमास रहेगा. खरमास के समाप्त होने के बाद ही मांगलिक कार्य आरंभ होंगे. इसीलिए इस वर्ष विवाह के मुहूर्त अप्रैल में बन रहे हैं. क्योंकि विवाह संस्कार में शुक्र ग्रह की स्थिति का विशेष महत्व होता है. शुक्र इस समय अस्त चल रहे हैं. इस वर्ष विवाह मुहूर्त 24 अप्रैल से बन रहे हैं. इस वर्ष अप्रैल माह में विवाह के मुहूर्त 24, 25, 26, 27 और 30 अप्रैल को बने हुए हैं.


सूर्य का मीन राशि में गोचर
ज्योतिष गणना के अनुसार सूर्य इस समय कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं. इसके बाद 14 मार्च 2021 रविवार को शाम 5 बजकर 55 मिनट पर मीन राशि में प्रवेश करेंगे. मीन राशि गुरू की राशि मानी जाती है. सूर्य मीन राशि से निकल कर 14 अप्रैल मेष राशि में आ जाएंगे. मेष राशि में सूर्य के आने के बाद ही खरमास समाप्त होंगे.


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