Kharmas 2023 Date: खरमास कब से लग रहा है? इस दिन से शुभ कार्यों पर लगेगी रोक
Kharmas 2023 Date And Time: हिंदू धर्म में खरमास को बहुत ही अशुभ माना जाता है. इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. खरमास पूरे एक माह तक रहता है. 16 दिसंबर से खरमास शुरू हो रहा है.
Kharmas 2023: 16 दिसंबर को सूर्य वृश्चिक राशि को छोड़कर धनु राशि में प्रवेश करेंगे. सूर्य का धनु राशि में प्रवेश धनुर्मास कहलाता है. सामान्य बोलचाल में हम इसे खरमास या मलमास के नाम से जानते हैं. धर्नुमास 16 दिसंबर से 15 जनवरी तक एक माह रहेगा. इस एक माह में विवाह आदि मांगलिक कार्यों पर विराम रहेगा. इस दौरान विवाह, सगाई, यज्ञ, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य नहीं होंगे. साथ ही नया घर या वाहन आदि खरीदना भी वर्जित हैं.
ज्योतिषाचार्य डॉक्टर अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य देव के एक राशि से दूसरे राशि में स्थान बदलने की प्रक्रिया को संक्रांति कहते हैं. दिसंबर में सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे खरमास लगा रहा है. नए साल 2024 में सूर्य देव 15 जनवरी को धुन राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे, तो मकर संक्रांति पड़ेगी.
साल में दो बार लगता है खरमास
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि ज्योतिष के अनुसार, साल में दो बार खरमास लगता है. जब सूर्य मार्गी होते हुए बारह राशियों में एक राशि से दूसरी राशि में भ्रमण करते हैं तो इस दौरान बृहस्पति के आधिपत्य वाली राशि धनु और मीन में जब सूर्य का प्रवेश होता है तो खरमास लगता है. इस तरह से मार्च माह में जब सूर्य मीन में प्रवेश करते हैं तब खरमास लगता है तो वहीं दिसंबर में जब सूर्य धनु में प्रेवश करते हैं तब खरमास लगता है. इस समय सूर्य की उपासना करने का विशेष महत्व माना जाता है. खासतौर पर जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर स्थिति में हो उन्हें खरमास के दौरान सूर्य उपासना अवश्य करनी चाहिए.
शुभ नहीं खरमास का महीना
शास्त्रों में खरमास का महीना शुभ नहीं माना गया है. इस अवधि में मांगलिक कार्य करना प्रतिबंधित है. साथ ही कुछ नियमों का पालन करने के लिए भी कहा गया है. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि 16 दिसंबर को सूर्य वृश्चिक राशि को छोड़कर धनु राशि में प्रवेश करेंगे. सूर्य, जब धनु राशि में हो तो इसे खरमास अथवा मलमास कहा जाता है. इस दिन धनु संक्रांति मनाई जाती है. सूर्य, एक महीने तक धनु राशि में विद्यमान रहेगा. इस एक महीने के काल में सूर्य की ऊर्जा क्षीण होती है. इस दौरान मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए.
क्यों बंद होते हैं शुभ कार्य
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि गुरु देव बृहस्पति धनु राशि के स्वामी हैं. बृहस्पति का अपनी ही राशि में प्रवेश इंसान के लिए अच्छा नहीं होता है. ऐसा होने पर लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर पड़ जाता है. इस राशि में सूर्य के कमजोर होने कारण इसे मलमास कहते हैं. ऐसा कहा जाता है कि खरमास में सूर्य का स्वभाव उग्र हो जाता है. सूर्य के कमजोर स्थिति में होने की वजह से इस महीने शुभ कार्यों पर पाबंदी लग जाती है.
मकर संक्रांति में दान, पुण्य से शुरू होंगे शुभ संस्कार
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि सूर्य, जब धनु राशि से निकलकर 15 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश करेगा, तब मकर संक्रांति मनाई जाएगी. इस दिन नदियों में पुण्य स्नान, दान की परंपरा निभाएंगे. इसके बाद ही शुभ संस्कारों की शुरुआत होगी.
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