Kharmas 2023 End: 14 अप्रैल 2023 को मेष संक्रांति मनाई जाएगी. इस दिन सूर्य सूर्य देव दोपहर 03 बजकर 12 मिनट पर मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे. हिंदू धर्म में मेष संक्रांति बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि इसी दिन से सौरवर्ष आरंभ होता है. मेष संक्रांति से खरमास भी खत्म हो जाते हैं, इसके बाद सभी मांगलिक कार्यों, नए काम की शुरुआत कर सकते हैं लेकिन इस साल मेष संक्रांति पर खरमास की समाप्ति के बाद भी विवाह नहीं हो पाएंगे. आइए जानते हैं खरमास के समापन पर भी क्यों नहीं बजेंगी शहनाईयां.


खरमास समाप्त 2023 (Kharmas 2023 End Date)


हिंदू धर्म में संक्रांति के दिन तीर्थ स्नान, दान और सूर्य देव की पूजा का खास महत्व है. मेष संक्रांति पर एक माह से लगे खरमास खत्म हो रहे हैं. खरमास की अवधि को अशुभ माना जाता है. जब सूर्य बृहस्पति की राशि में प्रवेश करते हैं तो अपने गुरु की सेवा में होते हैं ऐसे में दोनों का बल कम हो जाता है. शुभ काम के लिए दोनों ग्रहों का मजबूत होना बहुत जरुरी है.



खरमास खत्म होने पर भी क्यों नहीं होंगे मांगलिक कार्य ?


खरमास खत्म होने पर गुरु और सूर्य फिर बलवान हो जाते हैं और मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं लेकिन मेष संक्रांति पर खरमास की समाप्ति के बाद भी मांगलिक कार्य नहीं हो पाएंगे. इसकी मुख्य वजह है गुरु अस्त (Guru asta 2023). गुरु ग्रह को वैवाहिक जीवन का कारक माना गया है. विवाह से जुड़े सभी काम के लिए गुरु का उदित होना अति आवश्यक है. 1 अप्रैल 2023 को गुरु ग्रह मीन राशि में अस्त हुए थे. गुरु के अस्त होने पर विवाह, सगाई, व्रत उद्यापन, गृह प्रवेश करने की मनाही है. बृहस्पति के अस्त होने पर उनकी शक्तियां कमजोर पड़ जाती हैं और उनकी शुभता का प्रभाव घटने लगता है. ऐसे में कोई भी मांगलिक कार्य करने पर वह सफल नहीं होता


कब शुरू होंगे मांगलिक कार्य ? (Guru Uday 2023)


गुरु ग्रह 3 मई 2023 को सुबह 04 बजकर 56 मिनट पर उदित होंगे. इसके बाद मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे. मई में शादियों के 13 मुहूर्त हैं.


मेष संक्रांति 2023 मुहूर्त (Mesh Sankranti 2023 Muhurat)


मेष संक्रांति के दिन स्नान-दान, मंत्र साधना करने का विधान है. इस दिन पुण्य काल में जल दान करने से सभी देवी-देवता और  पितर प्रसन्न होते हैं.



  • मेष संक्रान्ति पुण्य काल - सुबह 10:55 - शाम 06:46, अवधि - 07 घण्टे 51 मिनट

  • मेष संक्रान्ति महा पुण्य काल - दोपहर 01:04 - शाम 05:20, अवधि - 04 घण्टे 16 मिनट


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