हस्तरेखा से हमें सिर्फ भविष्य की जानकारी ही नहीं मिलती बल्कि जीवन से जुड़ी कई और बातें भी हमें पता चलती है. हस्तरेखा के माध्यम से यह भी जाना जा सकता है किस देवी-देवता की पूजा करने से हमें लाभ प्राप्त हो सकता है.


यूं तो किसी भी देवता की पूजा करने से कोई नुकसान नहीं होता और फल भी मिलता है लकिन यदि वह अपने आरध्यदेव की पूजा करे तो उसे पूर्ण फल प्राप्त हो सकता है. हर व्यक्ति का भाग्य अलग-अलग होता है ठीक ऐसे ही हर व्यक्ति के आराध्य देव भी अलग होते हैं. हमारे आरध्य देव कौन हैं यह जानने में हस्त रेखा हमारी मदद कर सकती है.


हम आपको बता रहे हैं कि हस्त रेखाशास्त्र कैसे हमें बताता है कि हमारे आराध्य देव कौन हैं-




  • हाथ में अगर हृदयरेखा के अंत के स्थान से एक शाखा निकल कर गुरु पर्वत पर जाकर रुके तो हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए.

  • किसी व्यक्ति की हथेली में अगर हृदय रेखा पर त्रिशूल के आकार का चिह्न बनता है तो ऐसे व्यक्ति को भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए.

  • किसी व्यक्ति की हथेली में अगर सूर्य पर्वत दबा हुआ है तो सूर्यदेव की पूजा करने से लाभ मिलता है.

  • किसी जातक की हृदय रेखा और मस्तिष्क रेखा मिलती हुई हो या फिर मस्तिष्क रेखा हथेली में स्थित मंगल क्षेत्र तक जाए, तो भगवान कृष्ण की पूजा करनी चाहिए.

  • हृदय रेखा अगर टूटी हुई हो और साथ में हृदय रेखा से बहुत सारी शाखाएं निकलकर मस्तिष्क रेखा पर आती हो तो ऐसे लोगों को मां भगवती की पूज करनी चाहिए.

  • किसी व्यक्ति की भाग्य रेखा को अगर कई मोटी रेखाएं काट दें या फिर भाग्य रेखा खंडित हो या भाग्य रेखा में किसी भी तरह को कोई दोष हो तो जातक को देवी लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए.


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