रत्नों का ज्योतिष शास्त्र में बड़ा महत्व होता है. रत्न बेहद चमत्कारिक और लाभकारी होते हैं. रत्नों को राशियों के अनुसार धारण किया जाता है. नौ ग्रहों के लिए नौ अलग-अलग रत्न हैं.
रत्नों को धारण करने से पहले किसी ज्योतिषाचार्य से सलाह लेना जरूरी है. अगर ऐसा नहीं करते हैं तो नकारात्मक परिणाम भी हो सकते हैं. हम आपको बता रहे हैं कि किस राशि के लिए कौन सा रत्न फायदेमंद है...
माणिक्य
सूर्य ग्रह के लिए माणिक्य रत्न धारण किया जाता है. किसी व्यक्ति की कुंडली में अगर सूर्य की महादशा चल रही होती है उसे रविवार के दिन रिंग फिंगर में माणिक्य रत्न पहनना चाहिए. माणिक्य रत्न सिंह राशि के जातकों के लिए भी शुभ होता है.
कब धारण करना चाहिए
माणिक्य रत्न पहनने का सबसे सही समय सूर्योदय का वक्त है.
मोती
चंद्र ग्रह की शांति के लिए मोती रत्न धारण किया जाता है. जिनकी कुंडली में चंद्रमा की महादशा चल रही हो तो ऐसे व्यक्तियों को मोती धारण करने की सलाह दी जाती है. यह कर्क राशि के जातकों के लिए लाभकारी होता है.
पहनने का समय
सोमवार की शाम अनामिका या कनष्ठिका उंगली में मोती धारण करें.
मूंगा
मंगल ग्रह को मजबूत करने के लिए मूंगा रत्न पहना जाता है. इसे मेष और वृश्चिक राशि के जातक धारण कर सकते हैं. कुंडली में मंगल की महादशा चलने पर व्यक्ति को मूंगा पहनना उत्तम रहता है.
पहनने का समय
मंगलवार का दिन शुभ माना गया है. मंगलवार को शाम 5 के बाद इसे रिंग फिंगर में पहनना चाहिए.
पन्ना रत्न
बुध ग्रह की मजबूती के लिए पन्ना रत्न पहना जाता है. कुंडली में बुध की महादशा होने पर पन्ना को पहना जाता है. मिथुन और कन्या राशि राशि के जातकों के लिए यह लाभकारी होता है.
पहनने का समय
बुधवार को दोपहर के वक्त कनिष्ठिका में पन्ना पहन सकते हैं.
पुखराज
कुंडली में गुरु ग्रह को मजबूत करने के लिए पुखराज पहना जाता है. बृहस्पति की महादशा चलने पर पुखराज पहना जाता है. धनु और मीन राशि के जातकों के लिए पुखराज शुभ है.
पहनने का समय
गुरुवार के दिन सुबह 10-12 बजे के बीच तर्जनी अंगुली में पुखराज पहनना चाहिए.
हीरा
शुक्र ग्रह की शांति के लिए हीरा धारण किया जाता है. शुक्र की महादशा चलने पर हीरा पहनना चाहिए. वृष और तुला राशि के जातकों के लिए हीरा पहनना शुभ होता है. हीरे को मध्यमा या मिडल फिंगर में धारण करें.
नीलम
शनि महाराज के लिए नीलम रत्न पहना है. मकर और कुंभ राशि के जातकों के लिए यह शुभ होता है. कुंडली में शनि की महादशा चलने पर नीलम पहनने की सलाह दी जाती है.
पहनने का समय
शनिवार शाम के समय में मध्यमा अंगुली में इसे पहनना चाहिए.
गोमेद
राहु को मजबूत करने के गोमेद रत्न पहनते हैं. कुंडली में राहु की महादशा का असर होने पर इसे पहना जाता है.
पहनने का समय
शनिवार के दिन अपनी मध्यमा अंगुली में गोमेद धारण करना शुभ है.
लहसुनिया
केतु की दशा के वक्त लहसुनिया रत्न को पहनने का सुझाव दिया जाता है. इस रत्न को आजीवन धारण नहीं किया जाता है. जब केतु कुंडली में गलत स्थान पर स्थित होता है, केवल तब ही इस रत्न को पहनते हैं.
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अपनी राशि से जानें, कौन सा रत्न है आपके लिए सर्वात्तम
एबीपी न्यूज़
Updated at:
05 Aug 2020 11:15 PM (IST)
रत्नों को राशियों के अनुसार धारण किया जाता है. नौ ग्रहों के लिए नौ अलग-अलग रत्न हैं.
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