जानिए, रक्षाबंधन के साथ क्या है भगवान शिव का कनेक्शन
रक्षा बंधन को लेकर सामाजिक जीवन में कई मान्यताएं हैं लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि इस त्योहार से भगवान शिव का क्या संबंध है.
रक्षाबंधन 3 अगस्त को है. रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इसलिए इसे कई जगह राखी पूर्णिमा भी कहते हैं. 3 अगस्त को ही सावन के सोमवार का अंतिम व्रत भी है. रक्षा बंधन को लेकर सामाजिक जीवन में कई मान्यताएं हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि रक्षाबंधन और भगवान शिव का क्या कनेक्शन है. आज हम आपको इसी कनेक्शन के बारे में बताने जा रहे हैं.
पंडित शशिशेखर त्रिपाठी के मुताबिक समुद्र मंथन के दौरान निकले हलाहल को पीकर शिव ने जीवों की रक्षा की थी. चंद्रमा पूर्णिमा के दिन बहुत बलवान होता है. उन्होंने बताया, "चंद्रमा शिव के सिर पर विराजित है. कल्पना कीजिए की शिव के शीर्ष पर विराजित चंद्रमा पूर्णमासी में महादेव को ज्योत्ना स्नान करा रहे हैं. यानी चांदनी रात से शिव प्रकाशित हो रहे हैं."
शिव देते हैं रक्षा का वचन
पंडित शशिशेखर त्रिपाठी के मुताबिक सावन के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन शिव समस्त प्रकृति को रक्षा का वचन देते हैं. यह रक्षा वचन चाहे व्यक्ति से हो, या वचन से हो, या संबंध से हो, या राज्य से हो या फिर परिजनों से हो.
उन्होंने कहा, "रक्षा का जो तत्व है और वही शिव तत्व है. बहनों को भाई रक्षा वचन देते हैं इसके पीछे भी शिव तत्व है. जिस प्रकार आस्तिक और नास्तिक शिव के निकट हो या दूर हों समस्त जीवों की शिव रक्षा करते हैं. किसी भी संकट में कोई बहन हो तो भाई रूपी शिव रक्षा का वचन निभाते हैं और इसके लिए सदैव तत्पर रहते हैं."
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