Kumbh Mela 2021 Date: कुंभ का आरंभ हो चुका है. 1 जनवरी 2021 से 27 अप्रैल 2021 तक कुंभ का आयोजन किया जाएगा. कुंभ में शाही स्नान का विशेष महत्व है. कुंभ में पहला शाही स्नान 11 मार्च को है. इस दिन महाशिव रात्रि का पर्व है. इस दिन होने वाले शाही स्नान को खास माना जा रहा है. इस कुंभ चौथा और अंतिम शाही स्नान 27 अप्रैल को होगा. पंचांग के अनुसार इस दिन बैसाख की पूर्णिमा तिथि होगी. कुंभ स्नान से ग्रहों की अशुभता भी दूर होती है.


कुंभ में स्नान का महत्व
धार्मिक ग्रंथों में कुंभ के बारे में बताया गया कि कुंभ में सभी देवी देवता प्रवासी के रूप में निवास करते हैं. कुंभ में सबसे श्रेष्ट प्रयाग के कुंभ को माना गया है. प्रयाग को इसीलिए तीर्थराज कहा गया है. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार कुंभ में स्नान करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिल जाती हैं.


कुंभ का ज्योतिषीय महत्व
कुंभ का ज्योतिषीय महत्व भी बताया गया है. जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या चल रही है उन लोगों को कुंभ स्नान करने से लाभ मिलता है. वहीं जो लोग शनि देव की अशुभता से पीड़ित हैं उन्हें भी शुभ तिथि में विधि पूर्वक स्नान करना चाहिए. मिथुन, तुला राशि पर शनि की ढैय्या और धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढे़साती चल रही है. इसके साथ ही जिन लोगों को राहु- केतु से संबंधित परेशानियां बनी हुई हैं, उन्हें भी कुंभ स्नान करना चाहिए.


गुरु, सूर्य और चंद्रमा ग्रह होते हैं शुभ
कुंभ में गुरु, सूर्य और चंद्रमा ग्रह का विशेष महत्व माना गया है. कुंभ के आयोजन में भी इन ग्रहों की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है. जिन लोगों के जीवन में गुरु, सूर्य और चंद्रमा से जुड़ी कोई समस्या बनी हुई है वे यदि कुंभ में शुभ तिथियों में स्नान करते हैं तो उनकी समस्याएं दूर होती हैं.


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