Jupiter In Aquarius: पंचांग के अनुसार वर्तमान समय बृहस्पति यानी गुरु ग्रह कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं. बीते 5 अप्रैल 2021 को गुरु ग्रह कुंभ राशि में आए थे. गुरु सितंबर 2022 तक कुंभ राशि में ही रहेंगे. ज्योतिष शास्त्र में गुरु को ज्ञान, उच्च पद, कानून, धर्म और पाचन तंत्र का कारक माना गया है. गुरु आकाश तत्व के अधिपति हैं. इसलिए जीवन में गुरु का विशेष महत्व बताया गया है.
गुरु के अशुभ फल
गुरु जब जन्म कुंडली में अशुभ होते हैं तो व्यक्ति को कई प्रकार की परेशानियों को सामना करना पड़ता है. गुरु के कारण विवाह संबंधी दिक्कत आती है. इसके साथ ही शिक्षा, ज्ञान, बिजनेस आदि में भी बाधाएं आती है. उच्च पद प्राप्त करने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. वहीं आय के स्त्रोत भी प्रभावित होते हैं.
केसर के प्रयोग से गुरु को मजबूत बनाएं
गुरु ग्रह की अशुभता दूर करने और गुरु की शक्ति को बढ़ाने के लिए केसर के प्रयोग को उत्तम माना गया है. केसर के प्रयोग से गुरु को शुभ बनाने में मदद मिलती है और गुरु से जुड़ी दिक्कतें दूर होती हैं.
केसर का तिलक लगाएं
गुरू यदि पूर्ण लाभ प्रदान नहीं कर रहे हैं तो व्यक्ति को नित्य केसर का तिलक लगाना चाहिए. इससे गुरु की अशुभता को दूर करने में मदद मिलती है और बहुत जल्द शुभ फल प्राप्त होते हैं. केसर के रेशे पर पानी की कुछ बूंदें डालें. इसके बाद केसर अपना रंग छोड़ने लगेगा. इसके बाद सीधे हाथ की अनामिका अंगुली, जिसे रिंग फिंगर भी कहते हैं, इससे तिलक लगाएं. गुरुवार के दिन केले के पौधे के समय घी का दीपक जलाएं और केसर का तिलक लगाएं. गुरुवार के दिन केसर का तिलक लगाना अत्यंत शुभ माना गया है.
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