Lakshmi Ji : 21 मई शुक्रवार को है नवमी की तिथि, लक्ष्मी जी की पूजा का बन रहा है विशेष संयोग, जानें शुभ मुहूर्त
Lakshmi Puja: 21 मई 2021 शुक्रवार को लक्ष्मी जी की पूजा का विशेष संयोग बन रहा है. इस दिन विधि पूर्वक पूजा करके लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है.
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Lakshmi Puja : पंचांग के अनुसार 21 मई शुक्रवार को वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है. इस दिन प्रात: 11 बजकर 13 मिनट तक नवमी की तिथि है. इसके बाद दशमी की तिथि आरंभ होगी. इस दिन नक्षत्र पूर्वा फाल्गुनी है. लक्ष्मी जी की पूजा के लिए शुक्रवार का दिन उत्तम माना गया है. इस दिन बनने वाला संयोग लक्ष्मी जी की पूजा के महत्व में वृद्धि करते हैं.
लक्ष्मी जी की पूजा से धन की कमी दूर होती है
लक्ष्मी जी को धन की देवी भी माना गया है. लक्ष्मी जी का आशीर्वाद जीवन में धन की कमी को दूर करता है. शुक्रवार को दिन लक्ष्मी जी को समर्पित है. इस दिन सुबह और शाम के समय लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है. शुक्रवार की सुबह प्रात: काल स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें. इसके बाद व्रत का संकल्प लेकर लक्ष्मी जी की पूजा आरंभ करनी चाहिए. इस दिन लक्ष्मी जी की प्रिय चीजों का प्रयोग पूजा के दौरान करना चाहिए. शाम के समय लक्ष्मी जी की आरती करें और घर के मुख्य दरवाजे पर घी का दीपक जलाएं. ऐसा करने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं और जीवन में धन से जुड़ी समस्याएं समाप्त होती हैं.
21 मई का पंचांग (Panchang 21 May 2021)
विक्रमी संवत्: 2078
मास पूर्णिमांत: वैशाख
पक्ष: शुक्ल
दिन: शुक्रवार
तिथि: नवमी - 11:13:05 तक
नक्षत्र: पूर्वा फाल्गुनी - 15:23:24 तक
करण: कौलव - 11:13:05 तक, तैतिल - 22:20:46 तक
योग: हर्शण - 21:08:48 तक
सूर्योदय: 05:27:26 AM
सूर्यास्त: 19:08:07 PM
चन्द्रमा: सिंह राशि - 21:08:00 तक
द्रिक ऋतु: ग्रीष्म
राहुकाल: 10:35:11 से 12:17:46 तक (इस काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है)
शुभ मुहूर्त का समय - अभिजीत मुहूर्त: 11:50:25 से 12:45:08 तक
दिशा शूल: उत्तर
अशुभ मुहूर्त का समय -
दुष्टमुहूर्त: 08:11:34 से 09:06:17 तक, 12:45:08 से 13:39:50 तक
कुलिक: 08:11:34 से 09:06:17 तक
कालवेला / अर्द्धयाम: 15:29:16 से 16:23:58 तक
यमघण्ट: 17:18:41 से 18:13:24 तक
कंटक: 13:39:50 से 14:34:33 तक
यमगण्ड: 15:42:56 से 17:25:31 तक
गुलिक काल: 07:10:01 से 08:52:36 तक
लक्ष्मी जी का मंत्र
- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
- धनाय नमो नम:
- ॐ लक्ष्मी नम:
- ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम:
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