Lakshmi Puja: लक्ष्मी जी को धन की देवी माना गया है. लक्ष्मी जी का आशीर्वाद जीवन में वैभव प्रदान करता है. लक्ष्मी जी की कृपा जिस व्यक्ति को प्राप्त होती है, उसके जीवन में सुख समृद्धि और मान-सम्मान बना रहता है. ऐसे व्यक्ति जीवन में अपार सफलताएं प्राप्त करते हैं. शुक्रवार का दिन लक्ष्मी जी का प्रिय दिन माना गया है. शुक्रवार के दिन पूजा करने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करती हैं.
पंचांग के अनुसार 27 अगस्त 2021, शुक्रवार को भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है. पंचमी की तिथि को लक्ष्मी पूजा के लिए उत्तम माना गया है. इसके साथ ही शुक्रवार को वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है. ज्योतिष शास्त्र में वृद्धि योग को शुभ योग की श्रेणी में रखा गया है. इस योग का अर्थ वृद्धि करने वाला बताया गया है. शुभ कार्य और नए कार्य को आरंभ करने के लिए वृद्धि योग को अच्छा माना गया है. इसलिए शुक्रवार के दिन वृद्धि योग होने के कारण लक्ष्मी पूजा का महत्व बढ़ जाता है.
लक्ष्मी जी की पूजा विधि
शास्त्रों में शुक्रवार को सुबह और शाम, लक्ष्मी जी की पूजा करने का विधान बताया गया है. शुक्रवार के दिन लक्ष्मी जी की आरती करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है. इस दिन प्रात: काल स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए और पूजा प्रारंभ करनी चाहिए. पूजा के दौरान लक्ष्मी जी की प्रिय चीजों का भाग लगाएं. शाम के समय लक्ष्मी आरती के बाद घर के मुख्य द्वार पर घी का दीपक जलाना चाहिए. इसके बाद प्रसाद वितरित करना चाहिए. यदि इस दिन व्रत रखते हैं तो व्रत को विधि पूर्वक पूर्ण करना चाहिए.
लक्ष्मी जी के मंत्र
- ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:.
- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:.
- पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संभवे तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम्.
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