Lakshmi Ji: शुक्रवार के दिन लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए बना है 'शुभ योग', इन मंत्र और आरती से करें दिन की शुरुआत
Lakshmi ji: धन की देवी को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार का दिन उत्तम माना गया है. 4 मार्च को शुक्रवार का दिन है. इस दिन सुबह उठकर ये कार्य अवश्य करें.
Lakshmi ji: पंचांग के अनुसार 4 मार्च 2022, शुक्रवार को फाल्गुन मास की द्वितीया तिथि है. इस दिन फुलेरा दूज का पर्व है. शुक्रवार को उत्तराभाद्रपद नक्षत्र रहेगा. पंचांग के अनुसार इस दिन शुभ योग बना हुआ है. इस योग में पूजा करने से लक्ष्मी जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. आइए जानते हैं इस दिन कैसे करें धन की देवी लक्ष्मी जी को प्रसन्न-
लक्ष्मी जी के प्रभावशाली मंत्र
- ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:।
- ऊँ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:।
- ऊँ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।
- श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा।
- या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।
या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥
लक्ष्मी जी की आरती (Lakshmi Ki Aarti)
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जगमाता।
सूर्य, चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख संपत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
तुम पाताल निवासनी, तुम ही शुभ दाता।
कर्म प्रभाव प्रकाशनी, भवनिधि की त्राता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
जिस घर में तुम रहतीं,सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्तु न कोई पाता।
खान पान का वैभव सब तुमसे आता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
शुभ्र गुण मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहीं पाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
महालक्ष्मी जी की आरती जो कोई नर गाता।
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय।