Lakshmi Narayan Puja: नौकरी कारोबार में सफलता दिलाती है श्री लक्ष्मी नारायण पूजा, जानें इससे जुड़ी सावधानियां
Lakshmi Narayan Puja: श्री लक्ष्मी नारायण की पूजा से आर्थिक समृद्धि, सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक शांति मिलती है. जानते हैं पूजा की सावधानियों और नियमों के बारे में.
Lakshmi Narayan Puja: देवी लक्ष्मी धन,समृद्धि और वैभव की देवी हैं, जबकि भगवान विष्णु रक्षक और जगत के पालनकर्ता हैं. श्री लक्ष्मी नारायण की संयुक्त पूजा न केवल आर्थिक समृद्धि लाती है, बल्कि नौकरी और व्यवसाय में भी सफलता दिलाती है. जानते हैं श्री लक्ष्मी नारायण पूजा का महत्व और इनकी पूजा में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
श्री लक्ष्मी नारायण पूजा का महत्व (Shri Lakshmi Narayan Puja Significance)
श्री लक्ष्मी नारायण की पूजा से धन, समृद्धि और वैभव प्राप्त होता है. अगर आप नौकरी की तलाश में हैं या अपनी नौकरी में प्रगति चाहते हैं तो श्री लक्ष्मी नारायण की पूजा आपके लिए बहुत लाभदायक हो सकती है.
अगर आप व्यवसाय से जुड़े हैं, तो यह पूजा आपको व्यवसाय में लाभ करा सकती है. यह पूजा करने से ग्रहों की अशुभ स्थिति दूर होती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं.
सच्चे मन से श्री लक्ष्मी नारायण की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
श्री लक्ष्मी नारायण पूजा विधि (Shri Lakshmi Narayan Puja Vidhi)
- लक्ष्मी नारायण पूजा का सबसे उत्तम दिन पूर्णिमा या अमावस्या माना जाता है लेकिन गुरुवार का दिन भी इस पूजा के लिए बहुत शुभ माना जाता है. आप अपनी सुविधानुसार किसी भी शुभ दिन इस पूजा को कर सकते हैं.
- पूजा से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. पूजा स्थान को स्वच्छ और शुद्ध कर लें. अब श्री लक्ष्मी नारायण की मूर्ति को स्थापित करें और उन्हें लाल वस्त्र अर्पित करें. मूर्तियों को जल,दूध,घी और पंचामृत से स्नान कराएं.
- श्री लक्ष्मी नारायण की मूर्ति को रोली, चंदन और केसर का तिलक लगाएं. उन्हें दीपक और धूप दिखाएं और कमल के फूल अर्पित करें. श्री लक्ष्मी नारायण मंत्र का जाप करें.
- श्री लक्ष्मी नारायण पूजा में रखें इन बातों का ध्यान (Shri Lakshmi Narayan Puja Niyam)
- श्री लक्ष्मी नारायण पूजा में हमेशा स्वच्छ और धुले हुए वस्त्र पहनने चाहिए. पूजा करते समय मन को शांत और एकाग्र रखें. पूजा से पहले और पूजा के दिन गलती से भी मांस, मदिरा, तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए.
- दीपक की लौ को सीधे नहीं देखना चाहिए. पूजा में मंत्रों का उच्चारण स्पष्ट और शुद्ध रूप से करना चाहिए. प्रसाद ग्रहण करने से पहले हमेशा इसे भगवान को अर्पित करें. पूजा के दौरान किसी से विवाद न करें. खुद को नकारात्मक और अशुभ विचारों से दूर रखें.
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