Laxmi Stuti: शुक्रवार को लक्ष्मी स्तुति से प्रसन्न होती हैं धन की देवी, धन से जुड़ी परेशानियां होती हैं दूर
Laxmi Stuti,Mahalaxmi Stuti: कार्तिक मास में लक्ष्मी जी की पूजा का विशेष महत्व है. 22 अक्टूबर को शु्क्रवार का दिन है. इस दिन लक्ष्मी स्तुति से मां लक्ष्मी को प्रसन्न कर सकते हैं.
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Laxmi Stuti in Hindi: लक्ष्मी जी की कृपा सभी कष्टों को दूर करने वाली मानी गई है. 21 अक्टूबर 2021 से कार्तिक मास आरंभ हो चुका है. इस मास में लक्ष्मी जी की पूजा विशेष फल प्रदान करने वाली मानी गई है. धनतेरस और दिवाली का पर्व भी कार्तिक मास में ही मनाया जाता है. 22 अक्टूबर 2021 को शुक्रवार का दिन है. शुक्रवार का दिन लक्ष्मी जी को समर्पित है. इस दिन लक्ष्मी स्तुति का पाठ करने से धन से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि तथा वैभव प्राप्त होता है.
लक्ष्मी स्तुति (Laxmi Stuti/Mahalaxmi Stuti)
आदि लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्म स्वरूपिणि।यशो देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।
सन्तान लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पुत्र-पौत्र प्रदायिनि।पुत्रां देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।
विद्या लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु ब्रह्म विद्या स्वरूपिणि।विद्यां देहि कलां देहि सर्व कामांश्च देहि मे।
धन लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व दारिद्र्य नाशिनि।धनं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।
धान्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वाभरण भूषिते।धान्यं देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।
मेधा लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु कलि कल्मष नाशिनि।प्रज्ञां देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।
गज लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वदेव स्वरूपिणि।अश्वांश गोकुलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।
धीर लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पराशक्ति स्वरूपिणि।वीर्यं देहि बलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।
जय लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व कार्य जयप्रदे।जयं देहि शुभं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।
भाग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सौमाङ्गल्य विवर्धिनि।भाग्यं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।
कीर्ति लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु विष्णुवक्ष स्थल स्थिते।कीर्तिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।
आरोग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व रोग निवारणि।आयुर्देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।
सिद्ध लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व सिद्धि प्रदायिनि।सिद्धिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।
सौन्दर्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वालङ्कार शोभिते।रूपं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।
साम्राज्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु भुक्ति मुक्ति प्रदायिनि।मोक्षं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।
मङ्गले मङ्गलाधारे माङ्गल्ये मङ्गल प्रदे।मङ्गलार्थं मङ्गलेशि माङ्गल्यं देहि मे सदा।
सर्व मङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।शरण्ये त्रयम्बके देवि नारायणि नमोऽस्तुते।
शुभं भवतु कल्याणी आयुरारोग्य सम्पदाम्।
लक्ष्मी स्तुति कैसे करें?
लक्ष्मी स्तुति की एक विधि बताई गई है. इस विधि से ही लक्ष्मी स्तुति करनी चाहिए. मान्यता है कि विधि पूर्वक स्तुति करने से लक्ष्मी जी बहुत जल्द प्रसन्न होती हैं और शुभ फल प्रदान करती हैं. आइए जानते हैं लक्ष्मी स्तुति पाठ की विधि-
शुक्रवार को स्नानादि कर पवित्र हो लाल या गुलाबी वस्त्र धारण करें.
पूजा से पूर्व चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर लक्ष्मी जी को स्थापित करें.
गंगाजल से इस स्थान को शुद्ध करें. इसके उपरांत दीपक जलाएं.
लक्ष्मी जी को कुमकुम का तिलक लगाएं.लाल फूलों की माला चढ़ाएं.
लाल रंग के आसन पर बैठकर लक्ष्मी जी का ध्यान लगाएं. इसके बाद लक्ष्मी स्तुति का पाठ आरंभ करें.
इसके बाद ओम श्रीं आये नमः का 108 बार जाप करें.
मंत्र का जाप करने के बाद लक्ष्मी जी की आरती करें. प्रसाद का वितरण करें.
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