Lakshmi Puja Today: धन की कमी से जूझ रहे लोगों के लिए अमावस्या पर लक्ष्मी पूजा का बन रहा है सुंदर संयोग, ऐसे उठाएं लाभ
Lakshmi Ji: शुक्रवार का दिन, लक्ष्मी जी की पूजा के लिए शुभ माना गया है, इस दिन अमावस्या की तिथि है. इस तिथि में कैसे धन की देवी का आशीर्वाद पा सकते हैं, जानते हैं.

Lakshmi Puja on Amavasya: लक्ष्मी जी की पूजा जीवन में सुख समृद्धि लाती है. जिन लोगों के जीवन में आर्थिक समस्याएं बनी रहती हैं. सुख समृद्धि का अभाव महसूस करते हैं, उनके लिए लक्ष्मी जी की पूजा लाभकारी माना गई है. शास्त्रों के अनुसार शुक्रवार का दिन लक्ष्मी जी का प्रिय दिन है. इस दिन विधि पूर्वक पूजा करने लक्ष्मी जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
23 दिसंबर 2022, पंचांग (Panchang today, 23 December 2022)
पंचांग के अनुसार 23 दिसंबर 2022 को शुक्रवार का दिन है. इस दिन पौष मास की अमावस्या की तिथि है. इस दिन मूल नक्षत्र रहेगा और गण्ड योग का निर्माण होगा. चंद्रमा का गोचर धनु राशि में होगा, जहां पर इस दिन चार ग्रहों की युति देखने को मिलेगी. जिससे दुर्लभ योग बनेगा.धनु राशि में शुक्रवार को सूर्य, बुध, शुक्र और चंद्रमा मौजूद रहेगें. शु्क्र का संबंध लक्ष्मी जी माना गया है.
अमावस्या पर लक्ष्मी पूजन (Amavasya in December 2022 )
दिवाली का पर्व भी अमावस्या की तिथि को मनाया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या की तिथि को दिवाली मनाई जाती है. इस दिन लक्ष्मी जी की विशेष पूजा की जाती है. अमावस्या की तिथि का लक्ष्मी जी की पूजा से गहरा संबंध है. 23 दिसंबर को अमावस्या की तिथि को लक्ष्मी जी की पूजा करने से जीवन में चली आ रही आर्थिक समस्या दूर हो सकती है. इस बार का संयोग लक्ष्मी जी की पूजा के महत्व को कई गुना बढ़ा रहा है.
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लक्ष्मी पूजा (Lakshmi Pujan 2022)
शुक्रवार को सुबह और शाम के समय लक्ष्मी जी की पूजा करने शुभ माना गया है. शुक्रवार के दिन लक्ष्मी जी की आरती करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है. इस दिन प्रात: काल स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए और पूजा करनी चाहिए. पूजा में लक्ष्मी जी की प्रिय चीजों को अवश्य शामिल करें. शाम के समय लक्ष्मी आरती के बाद घर के मुख्य द्वार पर घी का दीपक जलाना चाहिए. इसके बाद प्रसाद वितरित करना चाहिए. यदि इस दिन व्रत रखते हैं तो व्रत को विधि पूर्वक पूर्ण करना चाहिए.व्रत के पारण के बाद दान आदि का कार्य भी कर सकते हैं.
लक्ष्मी जी की आरती (Om Jai Lakshmi Mata)
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जगमाता।
सूर्य, चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख संपत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
तुम पाताल निवासनी, तुम ही शुभ दाता।
कर्म प्रभाव प्रकाशनी, भवनिधि की त्राता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
जिस घर में तुम रहतीं,सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्तु न कोई पाता।
खान पान का वैभव सब तुमसे आता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
शुभ्र गुण मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहीं पाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
महालक्ष्मी जी की आरती जो कोई नर गाता।
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय।
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