Lakshmi Ki Aarti : शास्त्रों में लक्ष्मी जी धन की देवी बताया गया है. लक्ष्मी जी का संबंध वैभव, सुख-समृद्धि से है. माता लक्ष्मी जी का आशीर्वाद जब प्राप्त होता है तो सुखों में वृद्धि होती है. मान सम्मान प्राप्त होता है. यही कारण है कि हर कोई लक्ष्मी जी का आशीर्वाद चाहता है. शुक्रवार का दिन लक्ष्मी जी का प्रिय दिन है. आज विशेष संयोग बना है.


पंचांग के अनुसार 17 जून 2022, शुक्रवार को आषाढ़ मास की तृतीया तिथि है. जिसका समापन प्रात: 6 बजकर 12 मिनट पर हो रहा है. इसके बाद चतुर्थी की तिथि प्रारंभ होगी. ये तिथि गणेश पूजा के लिए उत्तम मानी गई है. इस दिन लक्ष्मी जी के साथ विघ्नहर्ता की पूजा का भी संयोग बना हुआ है. इस दिन इस आरती का पाठ घर में सुख-समृद्धि लाता है और माता लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है. आइए यहां पढ़ते हैं लक्ष्मी जी की आरती-


लक्ष्मी जी की आरती (Lakshmi Ki Aarti)
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जगमाता।
सूर्य, चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख संपत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
तुम पाताल निवासनी, तुम ही शुभ दाता।
कर्म प्रभाव प्रकाशनी, भवनिधि की त्राता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
जिस घर में तुम रहतीं,सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्तु न कोई पाता।
खान पान का वैभव सब तुमसे आता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
शुभ्र गुण मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहीं पाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
महालक्ष्मी जी की आरती जो कोई नर गाता।
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय।


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