Laxmi Ji: पंचांग के अनुसार आज 2 सितंबर 2022, शुक्रवार को भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है, जो दोपहर 1 बजकर 53 मिनट तक रहेगी. इसके बाद सप्तमी की तिथि प्रारंभ होगी. इस दिन सुबह और शाम, दोनों ही समय में लक्ष्मी जी की पूजा के लिए उत्तम स्थिति बनी हुई है. भाद्रपद मास में लक्ष्मी जी की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है कि इस माह में लक्ष्मी जी की पूजा विधि पूर्वक करने से धन की कमी दूर होती है, और जीवन में सुख समृद्धि आती है.


इन राशियों में ग्रहों बना है उत्तम संयोग
शुक्रवार के दिन ग्रहों की विशेष स्थिति भी लक्ष्मी जी की पूजा के महत्व में वृद्धि कर रही है. इस दिन कई महत्वपूर्ण ग्रह अपनी ही राशि में विराजमान है. जैसे सिंह राशि का स्वामी सूर्य अपनी यानि सिंह राशि में ही विराजमान है. कन्या राशि का स्वामी भी कन्या राशि में ही गोचर कर रहा है. न्याय के देवता शनि देव भी मकर राशि में विराजमान हैं, मकर राशि के स्वामी शनि ही है. इसके साथ ही देव गुरू बृहस्पति भी अपनी राशि यानि मीन राशि में गोाचर कर रहे हैं. ये एक अद्भूत संयोग माना जा रहा है.


आज इन मंत्रों से करें धन की देवी लक्ष्मी जी को प्रसन्न


ऊँ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।


इस मंत्र को बहुत ही प्रभाव बताया गया है. इस मंत्र को मां लक्ष्मी का महामंत्र भी कहा जात है. मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से धन, सौभाग्य, ऐश्वर्या और यश आदि में वृद्धि होती है. शुक्रवार को तिल का दीपक जलाकर 108 बार इस मंत्र का जाप करने से धन, सौभाग्य आदि की प्राप्ति होती है. 


ऊँ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:। 


माता लक्ष्मी का ये मंत्र कर्ज और धन संबंधी समस्याओं को दूर करने वाला बताया गया है. इस मंत्र का जाप शुक्रवार को करने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं.


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