लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections Result) के नतीजे अपने रोचक मोड़ पर आ गए हैं. वोटों की गिनती लगातार जारी है. हर कोई ये जानना चाहता है किसकी सरकार बनने जा रही है. राजनीति (Politics) में सफलता हर कोई चाहता है लेकिन इस क्षेत्र में आसानी से सफलता किसी को नहीं मिलती है.  


ज्योतिष शास्त्र (Astrology) की मानें तो राजनीति का संबंध जनता, शासन और सत्ता से है. ज्योतिष ग्रंथों में शासन-सत्ता के कारक ग्रहों की विस्तार से चर्चा की गई है. कुंडली में कुछ ग्रह ऐसे होते हैं जो राजनीति में सफलता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, ये ग्रह कौन से हैं, इनका क्या प्रभाव रहता है, जानते और समझते हैं-


गुरु- ज्योतिष में गुरु यानि बृहस्पति (Guru) का रोल राजनीति में उच्च पद दिलाने में विशेष भूमिका निभाता है. कुंडली (Kundli) में यदि ये ग्रह स्वामी की राशि या उच्च की राशि में विराजमान हो और शुभ ग्रहों से दृष्ट हो तो ऐसे व्यक्ति को राजनीति में सफलता मिलती ही मिलती है. ऐसे लोग संवैधानिक पद और मंत्री जैसे पदों को प्राप्त करने में सफल रहते हैं.


सूर्य- कुंडली (Kundli) में सूर्य को एक मजबूत ग्रह माना गया है. ज्योतिष ग्रंथों में सूर्य को ग्रहों का राजा बताया गया है. इसका संबंध सत्ता और शासन से है. जिसकी कुंडली में सूर्य सिंह राशि में विराजमान हो. बुधादित्य योग जैसे शुभ योगों का निर्माण हो रहा हो तो राजनीति के क्षेत्र में विशेष फल प्रदान करता है. ये ऐसे लोग किसी बडे़ विभाग की जिम्मेदारी संभालते हैं, शीर्ष पद तक पहुंचते हैं.


शनि- इस ग्रह से डरने की आवश्यकता नहीं. राजनीति में शनि (Shani Dev) की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण मानी गई है. इस ग्रह का सीधा संबंध जनता से है. यदि कुंडली (Kundli) में ये ग्रह कमजोर या पीड़ित है तो चुनाव में सफलता नहीं मिलती है. राजनीति में जनता का सहयोग और समर्थन बहुत मायने रखता है. शनि इसी को दर्शाता है. शनि समाजसेवा, कमजोर वर्ग, कृषक, मजदूर आदि का भी कारक माना गया है.


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