जीवन में प्यार चाहिए तो गणेश जी की शरण में आइए, मिलेगा सच्चा प्यार
कुछ लोगों को जीवन में कभी प्यार और सम्मान नहीं मिल पाता है. ऐसे लोग फिरोजा के बने हुए गणपति को विधिवत स्थापित करें. फिरोजा के बने हुए गणपति की नियमित पूजा करना शुरू करें. भगवान के लॉकेट को गले में ना धारण करें.
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भगवान गणेश की पूजा से कई लाभ होते हैं. गणेश जी गंभीर मुकदमों और परेशानियों से मुक्ति दिलाते हैं. अगर शत्रु परेशान करें तो चतुर्थी या बुधवार को भगवान गणेश को फरसा अर्पित करें. फरसा लोहे, चांदी, या किसी अन्य धातु का बना होना चाहिए.
अगर वैवाहिक जीवन में दिक्कतें आ रही हैं तो भगवान गणेश को हल्दी, केसर का तिलक लगाएं. ऊं गं गणपताय नम: का 108 बार जाप करें. मंगल दोष से प्रभावित लोग ऊं गं गणपताय नम: का जाप करें. मंगल दोष होने पर विवाह संबंधित कई परेशानियां आ सकती हैं.
राहु-शनि के कारण घोर संकट आने पर जीवन में कई परेशानियां आने लगती हैं. राहु- शनि के एक साथ आने पर आर्थिक तंगी और रोगों की दिक्कतें बढ़ सकती हैं. संकट से बचने के लिए अपने हाथों से धूमवर्णी गणेश जी की स्थापना करें. प्रतिमा को गणेश चालीसा के 108 पाठ करके अभिमंत्रित करें. आम की लकड़ी का भस्म बनाएं. भस्मों से भगवान गणेश के शरीर को ढक दें. इन प्रक्रियाओं के दौरान भगवान गणेश को जेनऊ भेंट करें.
बच्चे कहीं दूर हो रहे हों या जा रहे हैं तो उनके साथ चांदी के प्राणप्रतिष्ठित गणपति जरूर रखें. वक्त हो तो खुद से करें वर्ना पुरोहित जी से प्राणप्रतिष्ठा कराएं. गंगा जल या शुद्ध जल से भगवान गणेश को स्नान कराएं. स्नान कराने के बाद जनेऊ अर्पित कराएं और तिलक लगाएं. ऊं गं गणपताय नम: का 1008 बार जाप करें. गणेश चतुर्थी के दिन सिद्ध करना ज्यादा लाभदायक होगा. इन उपायों को करने से बच्चा आपसे दूर नहीं होगा. इन उपायों को करने से बच्चा बाहर जाकर भी सुरक्षित रहेगा.
जिन लोगों में एकाग्रता की कमी होती है उनका मन भी चंचल होता है. रोजाना भगवान गणेश की प्रतिमा के आगे ऊं विघ्नेश्वराय नम: का जाप करें. कुश के आसन पर बैठकर भगवान गणेश की प्रतिमा के आगे ऊं कें केतुआय नम: का जाप करें. एकाग्रता के साथ ये जप करेंगे तो एकाग्रता का स्तर तेजी से बढ़ना शुरू होगा. खास तौर पर विद्यार्थियों के लिए बहुत लाभदायक सिद्ध होगा.
कुछ लोगों को जीवन में कभी प्यार और सम्मान नहीं मिल पाता है. ऐसे लोग फिरोजा के बने हुए गणपति को विधिवत स्थापित करें. फिरोजा के बने हुए गणपति की नियमित पूजा करना शुरू करें. भगवान के लॉकेट को गले में ना धारण करें.
अच्छी आदतों के बाद भी कई बार व्यक्ति अधिक कर्जों का शिकार हो जाता है. ऐसे में स्फटिक के गणपति जी को घर में स्थापित या प्राण-प्रतिष्ठित करें. श्री गणेश जन्मोतस्व के दस दिनों के भीतर स्थापित करना ज्यादा लाभकारी होगा. स्थापित या प्राण-प्रतिष्ठित अगर किसी भी चतुर्थी को की जाए तो लाभकरी होता है. रोजाना भगवान गणेश को दूध से नहला कर दूर्वा अर्पित करें.
नौकरी में तनाव और अस्थिरता होने पर गणेश सहस्त्रनाम स्रोत से अश्वगंध की जड़ को अभिमंत्रित करें. ग्रे रंग के धागे में अभिमंत्रित करें और करने के बाद गले में धारण करें. गणेश चतुर्थी या किसी भी बुधवार को धारण कर सकते हैं.
घर में अस्थिरता और अशांति होने पर हर महीने के शुक्लपक्षीय चतुर्थी के दिन भगवान को 108 लड्डुओं का भोग लगा कर बांटें. इस प्रसाद को घर के सारे लोग जरूर ग्रहण करें. स्वास्थ्य की कामना के लिए बीमार व्यक्ति को गणपति जी को जनेऊ भेंट करें. अगले दिन भगवान को भेंट किए गए को जनेऊ स्वयं धारण करें.
बुध बुद्धि का स्वामी है, बुध को मजबूत करने के लिए गं गणपताय नम: का जाप करें. विवाह के लिए गणपति सहस्त्रनाम का हवन करें. गणपति को नियमित रूप से हल्दी तिलक लगाएं और बेसन की मिठाई भेट करें, भविष्य उज्जवल होगा. भगवान गणेश को बेसन, चने की दाल या आटा भेंट करें. भेंट किए गए बेसन, चने की दाल और आटे को बृहस्पतिवार के दिन गाय को खिलाएं.
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