Valentine Day, Prem Yog: वैलेंटाइन वीक चल रहा है. चारों ओर प्यार के बादल हवा में सैर कर रहे हैं. वैसे तो प्यार करने का कोई दिन नहीं होता, लेकिन 14 फरवरी का दिन प्यार करने वालों के लिए एक बड़ा दिन माना गया है. को मनाया जाता है. जीवन में प्रेम का विशेष महत्व है. कुंडली (Kundli) का पंचम भाव आपके प्रेम (Love) की स्थिति को बताता है.


ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार कुंडली का पंचम भाव प्रेम संबंधों के बारे में बताता है. वैलेंटाइन वीक आरंभ हो चुका है. ये सप्ताह प्रेम को समर्पित है. लव लाइफ कैसी रहेगी, प्रेम संबंधों में सफलता मिलेगी या नहीं इन सभी प्रश्नों का उत्तर कुंडली के 5वें भाव को देखकर ही दिया जाता है. आज इस भाव की चर्चा करते हैं-


 



कुंडली का पंचम भाव (5th House in Astrology)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में 12 भाव होते हैं. कुडंली का प्रत्येक भाव अपना एक अलग और महत्वपूर्ण स्थान रखता है. यहां बात कर रहे हैं पंचम भाव की तो कुंडली के इस भाव से प्रेम, यानि लव लाइफ और लव रिलेशन के बारे में पता लगाया जाता है. इस भाव को संतान और शिक्षा का भी कारक माना गया है.


पंचम भाव पर पाप ग्रह की दृष्टि
पंचम भाव पर जब पाप ग्रह की दृष्टि पड़ती है इसके फलों में कमी आ जाती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु- केतु (Rahu Ketu) को पाप ग्रह की श्रेणी में रखा गया है. माना जाता है कि जब पंचम भाव पर राहु या केतु की दृष्टि पड़ती है तो लव लाइफ में दिक्कतें आने लग जाती है. ऐसे लोगों को प्रेम में सफलता पाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता है. कभी- कभी असफलता का सामना करना पड़ता है. ये सब पंचम भाव पर बुरे ग्रह की दृष्टि की वजह से होता है.


पंचम भाव पर क्रूर ग्रह की दृष्टि
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि (Shani Dev), मंगल और सूर्य को क्रूर ग्रह की श्रेणी में रखा गया है. जब इन ग्रहों की दृष्टि कुंडली के पंचम भाव पड़ती है तो व्यक्ति को प्रेम संबंधों में बहुत अड़चनों और दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इन ग्रहों के कारण ब्रेकअप और छोटी-मोटी लड़ाई झगड़ों जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है. ये ग्रह लव मैरिज में भी बाधा देने का कार्य करते हैं. इन ग्रहों को इन मंत्रों के जाप से शुभ बनाया जा सकता है और आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सकता है. इन मंत्रों का एक माला नित्य जाप करना शुभ बताया गया है.


उपाय (Upay)



  • राहु मंत्र- ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:

  • केतु मंत्र- ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम:

  • शनि मंत्र- ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः

  • मंगल ग्रह का मंत्र- ॐ भौम भौमाय नमः

  • सूर्य मंत्र- ॐ सूर्याय नम:


तो आप भी शुभ परिणाम के लिए करें इन मंत्रों का जाप, प्यार में सफल होने के लिए अपने पंचम भाव को मजबूत करें.


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