Love Relationship: तनाव और ब्रेकअप जैसी समस्याओं से बचने के लिए इन ग्रहों को रखें शांत, करें ये उपाय
शनि देव (Shani Dev), राहु और केतु अशुभ होने पर लव रिलेशन (Love Relationship) को प्रभावित करते हैं.ग्रहों के अशुभ होने पर कई तरह की परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है.ग्रहों की अशुभता से कैसे बचा जा सकता है, जानते हैं उपाय
Love Relation Astrology: लव रिलेशन में आने वाली बाधाओं के पीछे कभी कभी ग्रहों का भी हाथ होता है. ये ग्रह अपनी दशा, राशि परिर्वन और कमजोरी स्थिति में प्रेम संबंधों को प्रभावित करते हैं. प्रेम संबंधों में शनि, मंगल, सूर्य, राहु और केतु की भूमिका अहम मानी जाती है. ये ग्रह जब अशुभ होते हैं और जन्म कुंडली के 5 भाव पर दृष्टि डालते हैं तो लव रिलेशन में दिक्कतें आरंभ होती हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्म कुंडली का पंचम भाव प्रेम संबंध यानि लव रिलेशन का भी बताया गया है.
शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या (Shani Ki Sade Sati/ Shani Ki Dhaiya)
शनि देव लव रिलेशन पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं. जन्म कुंडली के पंचम भाव पर जब शनि देव की दृष्टि पड़ती है तो मानिसक तनाव और दूरियां बढ़ाने का काम करते हैं. शनि देव को ज्योतिष शास्त्र में एक क्रूर ग्रह माना गया है. शनि देव अपनी दशा, अंर्तदशा के साथ साथ जब शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या के दौरान भी लव रिलेशन में दिक्कतें आती हैं. इस इन राशियों पर शनि की दृष्टि है-
शनि की साढ़ेसाती (Shani Ki Sade Sati)
धनु राशि (sagittarius)
मकर राशि (Capricorn)
कुंभ राशि (Aquarius)
शनि की ढैय्या (Shani Ki Dhaiya)
मिथुन राशि (Gemini)
तुला राशि (Libra)
मंगल दोष (Mangal Dosh)
मंगल ग्रह के कारण मंगल दोष बनता है. जन्म कुंडली में मंगल दोष हो तो इसे विवाद के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. मान्यता है कि मंगल दोष के कारण विवाह में बाधा, या तलाक की स्थिति भी बनती है. जन्म कुंडली के लग्न भाव, चतुर्थ भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव, द्वादश भाव में जब मंगल ग्रह हो तो मंगल दोष का निर्माण होता है.
राहु और केतु (Rahu-Ketu)
राहु और केतु के कारण भी प्रेम संबंध यानि लव रिलेशन में बाधा आती है. इन दोनों ग्रहों को ज्योतिष शास्त्र में पाप ग्रह का दर्जा प्राप्त है. राहु और केतु से कालसर्प दोष और पितृ दोष जैसे अशुभ योग भी बनते हैं, जिस कारण प्रेम संबंधों में व्यक्ति को असफलता और बाधाएं प्राप्त होती हैं. इसके अलावा सूर्य देव भी कभी कभी परेशानी का कारण बनते हैं. इन ग्रहों को शांत करने के लिए इन उपायों को करना चाहिए.
- भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए.
- प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि पर शिव जी का अभिषेक करें.
- गलत संगतों से दूर रहना चाहिए.
- नशा नहीं करना चाहिए.
- दान आदि के कार्यों में रूचि लेनी चाहिए.
- जरूरतमंत व्यक्तियों की मदद करनी चाहिए.
- मंगलवाल को हनुमान जी की पूजा करें.
- शनिवार को शनि मंदिर में शनि देव से जुड़ी चीजों का दान करें.
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