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चंद्र ग्रहण 2020: चंद्रमा के 10 अनसुलझे रहस्य, आज लगने वाले चंद्र ग्रहण से पहले जान लें ये अद्भुत तथ्य
इस साल का तीसरा चंद्रग्रहण आज सुबह 8 बजकर 37 मिनट पर लगेगा. चंद्रग्रहण एक खगोलीय घटना है जो कि सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी के आ जाने से होती है. चंद्रग्रहण के साथ ही साथ आइये जानें चंद्रमा के ऐसे 10 रहस्य जिन्हें आप नहीं जानते होंगें.
Chandra Grahan 2020 Timing in India, Lunar Eclipse 2020: वर्ष 2020 में 5 जुलाई को लगने वाला चंद्रग्रहण एक उपछाया चंद्रग्रहण है. यह धनु राशि में लगेगा. हालाँकि यह चंद्रग्रहण भारत में तो नहीं दिखाई देगा परन्तु इसी दिन गुरु पूर्णिमा होने के नाते इस ग्रहण का महत्त्व भारत में भी बढ़ जाता है.
चंद्रमा के 10 अनसुलझे रहस्य
हमारे सौरमंडल की संरचना ऐसी है कि जिसके अंतर्गत आने वाले ग्रहों और उनके उपग्रहों में कुछ ऐसे रहस्य होते है जिनके बारे में हर किसी को जानकारी नहीं होती है. आइये जानते हैं ऐसे ही 10 रहस्य जो चंद्रमा के बारे में है:-
- चन्द्रमा लैटिन भाषा के लूना (Luna) शब्द से बना है जिसका अर्थ है चमक या उज्जवल. भारत में चंद्रमा को चंद्र, चाँद , चंदा मामा या चंद्रमा भी कहा जाता है. यह अँधेरी रात में सफ़ेद गोले की तरह चमकता है.
- चंद्रमा, पृथ्वी से लगभग 238,750 मील (384,400 किमी) दूर स्थित है. यह दूरी पृथ्वी की चौड़ाई की लगभग 30 गुनी है. अर्थात कह सकते हैं कि चंद्रमा से पृथ्वी के बीच की दूरी पृथ्वी की चौड़ाई की 30 गुनी है.
- चंद्रमा पृथ्वी का एक उपग्रह है जो पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगता है.
- सभी पूर्ण चन्द्रमा समान आकार के नहीं होते हैं. उनका आकार पृथ्वी से होने वाली दूरी पर निर्भर करता है. अर्थात चन्द्रमा अपने एपीगी (पृथ्वी से दूर) या पेरिजी (पृथ्वी के पास) में है या नहीं, इसी पर चंद्रमा का आकार निर्भर करता है. चंद्रमा का आकार 14% तक अधिक लग सकता है.
- चंद्रमा, पृथ्वी के जितने करीब होता है तो पृथ्वी पर अधिक बड़ा ज्वार आता है और मौसम भी अधिक खराब होता है. इसका कारण चंद्रमा का पृथ्वी के अधिक करीब (पेरिजी) होने से गुरुत्वाकर्षण का बढ़ जाना होता है.
- ऐसा माना जाता है कि पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा का गुरुत्वाकर्षण मानव के मस्तिष्क में मौजूद पानी को प्रभावित करता है, जिससे कुछ लोग पागलपन या तर्कहीन व्यवहार करने लगते है.
- जहां चंद्रमा का व्यास 2,159 मील (3,475 किमी) है वहीँ पृथ्वी का व्यास 7,926 मील (12,756 किमी) है. अर्थात पृथ्वी का व्यास चंद्रमा के व्यास से चार गुना बड़ा है. मतलब चंद्रमा, पृथ्वी से करीब 4 गुना छोटा है.
- चंद्रमा का कोई वायुमंडल नहीं है, इस लिए इसका तापमान अस्थिर है. कभी इसका तापमान -200 डिग्री सेल्सियस तो कभी 200 डिग्री सेल्सियस तक हो जाता है.
- चंद्रमा, पृथ्वी से 4 गुना छोटा है तो वहीँ वह सूर्य से 400 गुना छोटा है. मतलब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य में चंद्रमा सबसे छोटा और सूर्य सबसे बड़ा है.
- चंद्रमा पर एक पूरा दिन पृथ्वी के करीब 29 दिनों के बराबर होता है.
Lunar Eclipse 2020: क्या है उपछाया चंद्रग्रहण? पढ़ें भारत में कब और कहाँ दिखाई देगा चंद्रग्रहण
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
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