Navratri 2022: शनि से पीड़ित लोगों की रक्षा करेंगी मां कालरात्रि, आज बना है शुभ योग, साढ़ेसाती और ढैय्या से मिलेगी राहत
Navratri 2022, Maa Kalaratri Puja: नवरात्रि का आज सातवां दिन है. आज के दिन मां कालरात्रि की पूजा करने से शनि (Shani Dev) शांत होते हैं.
Navratri 2022, Maa Kalaratri Puja: चैत्र नवरात्रि का व्रत (Chaitra Navratri 2022) का पर्व हर साल चैत्र मास (Chaitra Month) के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होता है. नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करते हैं. आज नवरात्रि का सातवां दिन है. इस दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा करते हैं.
'रक्तबीज' का किया था वध (raktbeej vadh)
मां कालरात्रि को यंत्र, मंत्र और तंत्र की देवी कहा जाता है. शास्त्रों के अनुसार, मां दुर्गा ने रक्तबीज का वध करने के लिए अपने तेज से कालरात्रि को उत्पन्न किया था.
'शनि' को भी नियंत्रित करने की रखती हैं क्षमता
ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं के अनुसार देवी कालरात्रि शनिदेव को नियंत्रित करती हैं. नवरात्रि में इनकी विधि-विधान से पूजा अर्चना करने पर शनि की साढ़े साती और शनि की ढैय्या के प्रभाव से मुक्ति मिलती है.
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काल का नाश करती हैं 'कालरात्रि'
शास्त्रों के अनुसार कालरात्रि को काल का नाश करने वाली देवी माना गया है. इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरूप को कालरात्रि कहा गया है. ये भक्तों के सभी दुःख और संताप दूर करती हैं. इनकी पूजा से प्राणी अकाल मृत्यु के भय से मुक्त हो जाता है.
कालरात्रि पूजा मुहूर्त (Chaitra Navratri 2022 Day 7: Goddess Kalaratri Puja Shubh Muhurat)
मां कालरात्रि को प्रसन्न करने के लिए 8 अप्रैल 2022 को विशेष संयोग बना हुआ है. आइए जानते हैं इस दिन का पंचांग-
- आज की तिथि (Aaj Ki Tithi)- सप्तमी
- आज का नक्षत्र (Aaj Ka Nakshatra)- आद्रा
- आज का योग (Aaj Ka Yoga)- शोभन (प्रात: 10 बजकर 29 मिनट तक)
- चंद्रमा- मिथुन राशि
- आज का राहु काल (Aaj Ka Rahu kaal)- प्रात: 10 बजकर 48 मिनट से दोपहर 12 बजकर 23 मिनट तक
कालरात्रि पूजा विधि (maa kalaratri puja)
सुबह उठकर स्नानादि से निवृत्त हो. उसके बाद पूजा स्थल की साफ-सफाई करके मां के समक्ष पूजन का संकल्प लें. मां कालरात्रि को अक्षत, धूप, गंध, पुष्प और गुड़ का नैवेद्य चढ़ाए. मां को उनका प्रिय पुष्प रातरानी और प्रिय भोग गुड़ जरूर अर्पित करें. अब मां की पूजा कथा और मंत्रों का जाप करें. इसके बाद मां कालरात्रि की आरती कर अंत में प्रणाम करें. इस दिन दान आदि का कार्य भी करें.
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