Magh Mela Dates 2024: हिंदू धर्म में माघ मेले का खास महत्व होता है. यह पर्व भारतीय पौराणिक और सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा है. वैसे तो माघ मेले का आयोजन प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन, नासिक, गया, वाराणसी जैसे विभिन्न हिन्दू तीर्थ स्थलों पर होता है लेकिन प्रयागराज का माघ मेला विश्व का सबसे बड़ा मेला माना जाता है. हर साल जनवरी-फरवरी माह में यहां पवित्र संगम के किनारे विश्व प्रसिद्ध माघ मेला आयोजित होता है.
हर साल मकर संक्रांति के साथ इस मेले की शुरुआत हो जाती है. इस बार माघ मेला 15 जनवरी 2024 से शुरू होगा. देश विदेश से लोग माघ मेले में स्नान करने के लिए आते हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, संगम तट पर स्नान करने से हर तरह के पाप धुल जाते हैं और कष्टों से मुक्ति मिलती है. मकर संक्रांति से शुरू होने वाला यह माघ मेला महाशिवरात्रि के दिन स्नान करने के साथ समाप्त होता है.
माघ मेला 2024 में गंगा स्नान की तिथियां
माघ मेला का पहला स्नान- मकर संक्रांति 15 जनवरी 2024
दूसरा स्नान - 25 जनवरी 2024 को पौष पूर्णिमा, कल्पवास का आरंभ
माघ मेले का तीसरा स्नान-9 फरवरी 2024 को मौनी अमावस्या पर
चौथा स्नान- बसंत पंचमी 14 फरवरी 2024
पांचवा स्नान- माघ पूर्णिमा 24 फरवरी 2024
आखिरी स्नान- 8 मार्च 2024 को महाशिवरात्रि
माघ मेले का महत्व
हर साल सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर माघ मेला लगता है. इस दिन साधु-संत समेत सभी आमजन त्रिवेणी संगम में स्नान करते हैं. प्रयागराज में गंगा,यमुना,और सरस्वती नदी का संगम है त्रिवेणी कहा जाता है. पद्म पुराण के मुताबिक, माघ मेले का स्नान संगम तट पर करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दौरान यहां भव्य मेले का आयोजन किया जाता है. माघ मेले के दौरान साधु और संत, कल्पवास कर कई तरह के धार्मिक कार्य करते हैं.
ते हैं. ऐसे में इस मेले में तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस के बालकांड में माघ मेले के प्राचीन होने के प्रमाण मिलते हैं. जिससे लोग पूरे विधि-विधान से निभाते हैं. माघ मेले के दौरान दान का भी विशेष महत्व माना जाता है. माघ महीने में जो भी जरूरतमंद लोगों को दान करता हैं उसके घर में हमेशा सुख-समद्धि बनी रहती है.
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