Mahalaxmi Yoga: ज्योतिष शास्त्र में कई शुभ-अशुभ योग बताए गए हैं जो ग्रहों की युति से बनते हैं. ग्रहों की युति का असर सभी राशियों पर होता है. इनमें से एक है महालक्ष्मी योग. ये योग बहुत दुर्लभ है और अधिकतर जन्मकुंडली मे नहीं मिलता है. जिसकी जन्मकुंडली में ये योग बनता है, उसे धनवान बनने से कोई नहीं रोक सकता है. सभी योगों में इस योग को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस योग के बनने से व्यक्ति के पास कभी भी धन की कमी नहीं होती है.
ऐसे बनता है महालक्ष्मी योग
जब मंगल और चंद्रमा दोनों ग्रह एक साथ लग्नकुंडली के किसी घर मे एक साथ युति बनाते हैं तो यह युति महालक्ष्मी योग कहलाती है. महालक्ष्मी योग तब होता है जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में चंद्रमा और मंगल एक साथ होते हैं. यह योग व्यक्ति को तब सबसे अच्छे फल देता है जब यह युति द्वितीय, नवम, दशम और एकादश भाव में हो रही हो. इस योग के जातक अक्सर मध्य वर्ग के परिवार मे जन्म लेते हैं और आसमान को छूने वाली सफलताओं को प्राप्त करते है.
महालक्ष्मी योग कराता है लाभ
महालक्ष्मी योग एक राजयोग है जो कुंडली में बनने पर व्यक्ति को लाभ ही लाभ कराता है. ऐसे योग वाले लोग महत्वाकांक्षी, परिश्रमी होने के साथ-साथ क्रोधी भी होते हैं. यह योग जिस भी कुंडली में बनता है उस व्यक्ति को कभी भी किसी तरह की आर्थिक समस्या नहीं आती है. हालांकि बुरे भावों में इस योग का बनना व्यक्ति के चरित्र का नाश भी कर सकता है. इसलिए कुंडली में इस योग की स्थिति का देखा जाना बहुत जरूरी होता है.
जिन लोगों की कुंडली में यह योग होता है उन पर माता लक्ष्मी हमेशा कृपा बरसाती हैं. इसके साथ ही ऐसे लोगों को करियर के क्षेत्र में भी ज्यादा परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता. इन लोगों का पारिवारिक जीवन अच्छा रहता है. जिन लोगों की कुंडली में महालक्ष्मी योग बनता हो उन लोगों को दान-पुण्य के काम भी अवश्य करने चाहिए. महालक्ष्मी योग को महाभाग्य योग के नाम से भी जाना जाता है. जिन लोगों को इस योग का लाभ मिलता है, समाज में उनका हमेशा मान- सम्मान बना रहता है.
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