Assembly Elections 2024: महाराष्ट्र और झारखंड में लोकतंत्र के उत्सव की डेटों का आज यानि 15 अक्टूबर 2024 को चुनाव आयोग ने ऐलान कर दिया. इसके साथ ही चुनाव आयोग ने लोकसभा की 3 सीटों और अलग-अलग विधानसभा की 47 सीट पर चुनाव की तारीखों की भी घोषणा कर दी. इन चुनावों पर पूरे देश की नजर रहेगी. चुनाव आयोग के अनुसार महाराष्ट्र में 20 नवंबर 2024 को एक चरण के तहत विधानसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान होगा, जबकि झारखंड में दो फेज में 13 नवंबर और 20 नवंबर को वोटिंग होगी.


महाराष्ट्र और झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव देश के लिए बेहद अहम माने जा रहे हैं. यही वजह रही कि जैसे चुनाव आयोग ने अपनी पीसी आरंभ की राजनैतिक दलों और उनके नेताओं ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया. ज्योतिष के माध्यम से जानते हैं कि जिस घड़ी में चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनावों की डेट घोषित ही उस समय ग्रहों की चाल से आने वाली राजनीति के क्या संकेत मिलते हैं, जानते हैं-




तुला संक्रांति से पहले चुनाव के डेटों की घोषणा
चुनाव आयोग ने मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024 को महाराष्ट्र और झारखंड के साथ ही अलग-अलग विधानसभा की 47 सीट पर चुनाव की तारीखों की भी घोषणा कर दी. पंचांग के अनुसार देखा जाए तो आयोग ने तुला संक्रांति से पूर्व ही चुनाव की तारीखों के एलान कर दिया. क्योंकि 17 अक्टूबर को सूर्य का राशि परिवर्तन हो रहा है. 


ज्योतिष में सूर्य को सत्ता और राजा का कारक माना गया है. 17 अक्टूबर, बुधवार को सूर्य अपनी नीच राशि यानि तुला राशि में प्रवेश कर रहे हैं, जो एक अच्छा दिन इस शुभ कार्य के लिए नहीं कहा जा सकता है, सूर्य जब राशि परिवर्तन करते हैं तो इसे संक्रांति कहते हैं, सूर्य तुला राशि में गोचर करेंगे. इसलिए इसे तुला संक्रांति कहा जाता है.


तुला राशि नीच का सूर्य शासन, सत्ता, राजा और राजकीय कार्यों के लिए उत्तम नहीं माना जाता है. इसलिए जिस समय आयोग ने डेट का एलान किया वो ज्योतिषीय आधार पर सही माना जा सकता है. क्योंकि 20 अक्टूबर 2024 को एक और बड़ा राशि परिवर्तन होने जा रहा है. मंगल ग्रह का कर्क राशि में प्रवेश होने जा रहा है.कर्क राशि मंगल की नीच राशि है. 


देश की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण समय
महाराष्ट्र और झारखंड और अलग-अलग 47 सीट पर होने वाले चुनाव देश के भविष्य के लिए अहम कहे जा सकते हैं.ग्रहों का विशेष संयोग देखने को मिल रहा है, जो लंबे समय के बाद बन रहा है. किसी भी देश को चलाने के लिए चार ग्रहों की भूमिका विशेष मानी गई है-



  1. सूर्य (Sun)

  2. मंगल (Mangal)

  3. शनि (Shani Dev)

  4. बृहस्पति (गुरु) (Guru)


ज्योतिष ग्रंथों में सूर्य को राजा, मंगल को सेनापति और शनि का जनता का कारक बताया गया है. विशेष बात ये है कि इस समय जनता के कारक शनि वक्री अवस्था में कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं,. सूर्य 16 अक्टूबर से अपनी नीच राशि तुला में प्रवेश कर रहे हैं और सेनापति मंगल 20 अक्टूबर से कर्क राशि में गोचर करने जा रहे हैं तो उसकी नीच राशि हैं. प्रशासनिक व्यवस्था के कारक देव गुरु बृहस्पति भी 9 अक्टूबर 2024 से वक्री अवस्था में शत्रु की राशि वृष में गोचर कर रहे हैं. 


ये चारों ही ग्रह कमजोर और पीडित और पूर्ण फल प्रदान करने के स्थिति में नजर नहीं आ रहे हैं. ऐसे में चुनाव के परिणाम अप्रत्याशित आने की पूरी संभावना है. वहीं आने वाले दिनों में जनता की नाराजगी, कानून व्यवस्था में बाधा, प्रशासनिक विफलताओं के समाचार मिल सकते हैं. इन चुनावों के दौरान हिंसा, मारपीट, आगजनी जैसी घटनाएं भी देखने को मिल सकती हैं. कानून व्यवस्था के लिए ये समय चुनौती पूर्ण रहने वाला है.आपराधिक गतिविधियां तेज हो सकती हैं. 


सोशल मीडिया पर धार्मिक और सामाजिक सद्भाव को प्रभावित करने का प्रयास होगा. चुनाव में नेताओं के बिगड़े बोल सुनने को मिलेंगे. जनता के सामने भ्रम की स्थिति देखने को मिलेगी. कमजोर वर्गों को आकर्षित करने के लिए कोई भी दल और नेता, कोई कसर छोड़ता नजर नहीं आएगा. किसी भी दल या नेता को जीत दिलाने में महिला और कमजोर वर्ग के मतदाताओं की भूमिका अहम होगी.


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