जन्म कुंडली : कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति महाशिवरात्रि का व्रत रखें. इस दिन व्रत रखने से उनके जीवन में चल रही परेशानियों को कम करने में मदद मिलेगी. जिन लोगों की जन्म कुंडली में यह दोष है उन्हें इस भगवान शिव की पूजा जरूर करनी चाहिए. ऐसा करने से इस दोष का प्रभाव कम होता है.
क्या है कालसर्प दोष
व्यक्ति की जन्म कुंडली में जब सभी ग्रह राहु-केतु के मध्य आ जाते हैं तो कालसर्प दोष का निर्माण होता है. जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में कालसर्प दोष होता है वह लगभग 40 वर्ष तक संघर्ष करता है. उसके जीवन में भटकना लिखा रहता है. जिस भी क्षेत्र में वह कार्य करता है वहां समस्याएं बनी ही रहती है. ऐसे लोगों को जॉब मिलने में भी दिक्कत आती है. शिक्षा में बाधा पैदा होती है. व्यक्ति कर्जदार, धन के मामले में कमजोर और रोग से पीड़ित हो सकता है.
कालसर्प दोष के लक्षण
व्यक्ति के जब काम बिगड़ने लगें. पूरी मेहनत करने के बाद भी सफलता न मिले और ऐन वक्त पर सब काम बिगड़ जाए तो समझ लेना चाहिए कि राहु-केतु बाधा उत्पन्न कर रहे हैं. जिन लोगों की जन्म कुंडली में यह दोष पाया जाता है उसे मानसिक तनाव भी बना रहता है. उसमें आत्मविश्वास की कमी होती है.
महाशिवरात्रि पर करें भगवान शिव की पूजा
जिन लोगों की जन्म कुंडली में कालसर्प दोष है वे इस दिन यानि 21 फरवरी 2020 को भगवान शिव का व्रत रखें. सुबह उठकर स्नान करने के बाद भगवान शिव पर बेल पत्री, धतूरा, पुष्प चढ़ाए. पंचामृत और फल का भोग लगाए. पूरे दिन ऊं नम: शिवाय का जाप करना चाहिए. इस दिन भगवान शिव का अभिषेक करें. नदी में प्रतीकात्मक नाग और नागिन के जोड़े को विधि विधान से प्रभावित करें. ऐसा करने से इस दोष के प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी.
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