Mahashivratri 2024 Puja: सनातन धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है.महाशिवरात्रि हिन्दुओं के सबसे बड़े पर्वों में से एक है. इस बार महाशिवरात्रि 8 मार्च, शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी. इस दिन भक्त पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव की आराधना करते हैं. शिव भक्तों के लिए यह दिन बहुत खास होता है लेकिन उससे भी खास महाशिवरात्रि की रात होती है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव ने कैलाश पर्वत पर माता पार्वती से विवाह किया था. महाशिवरात्रि के दिन रात्रि जागरण का विशेष महत्व होता है. आइए जानते हैं कि आखिर क्यों महाशिवरात्रि की रात इतनी खास मानी जाती है.
महाशिवरात्रि पर रात्रि जागरण का महत्व (Mahashivratri Ratri Jagran Importance)
महाशिवरात्रि शब्द तीन शब्दों से मिलकर बना है. इसमें महा का अर्थ महान होता है, शिव हमारे देवता और रात्रि का अर्थ रात से है. इन तीनों शब्दों का सीथा मतलब है ‘शिव की महान रात’. शिव-पार्वती के विवाह के अलावा एक मान्यता ये भी है कि महाशिवरात्रि की रात भगवान शिव ने तांडव नृत्य किया था. इस नृत्य को सृजन और विनाश की अभिव्यक्ति के रूप में देखा जाता है.
इस दिन रात भर जागकर शिव और माता पार्वती की आराधना करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. महाशिवरात्रि पर रात्रि जागरण करने से जीवन के तमाम कष्ट दूर हो जाते हैं. इसलिए महाशिवरात्रि की रात सोना नहीं चाहिए.
महाशिवरात्रि की रात जागने का वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी है. कहा जाता है कि महाशिवरात्रि की रात में ब्रह्माण्ड में ग्रह और नक्षत्रों की ऐसी स्थिति होती है जिससे एक खास ऊर्जा का प्रवाह होता है. रात्रि जागरण करके इस ऊर्जा का इस्तेमाल आत्मचेतना में किया जा सकता है.
वहीं आध्यात्मिक रूप से महाशिवरात्रि की रात के महत्व की बात की जाए तो इस रात प्रकृति मनुष्य को परमात्मा से जोड़ती है. इसका पूरा लाभ उठाने के लिए महाशिवरात्रि की रात में जागरण करना चाहिए. ध्यान रहे कि इसके लिए रीढ़ की हड्डी सीधी करके ध्यान मुद्रा में बैठना चाहिए.
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