Mahashivratri: महाशिवरात्रि हिन्दुओं के सबसे बड़े पर्वों में से एक है. महाशिवरात्रि  8 मार्च, शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी. इस दिन भक्त पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव की आराधना करते हैं. शिव भक्तों के लिए महाशिवरात्रि का दिन बहुत खास होता है. भारत के कई हिस्सों में, महाशिवरात्रि को बहुत भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है. 


इस दिन देवों के देव महादेव को प्रसन्न करने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय किए जाते हैं. शिव पुराण में भोलेनाथ की पूजा से जुड़े कुछ खास नियम बताए गए हैं. महाशिवरात्रि के दिन शंकर भगवान की पूजा में एक रंग का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. पूजा में इस रंग के इस्तेमाल से अशुभ फल मिलते हैं. जानते हैं इसके बारे में.


शिव पूजा में ना करें इस रंग का इस्तेमाल (Shiva Pujan Vidhi)



महाशिवरात्रि के दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती की श्रद्धा पूर्वक पूजा- अर्चना की जाती है. शिव जी के आशीर्वाद लिए इस दिन भक्त बड़ी संख्या में मंदिर आते हैं. शिव को प्रसन्न करने के लिए आज के दिन तरह-तरह के उपाय किए जाते हैं. भोलेनाथ की पूजा में रंगों के इस्तेमाल पर खास ध्यान दिया जाता है. माना जाता है कि भोलेनाथ को काला रंग बिल्कुल भी पसंद नहीं है. 


महाशिवरात्रि के दिन काले रंग के कपड़े पहनना वर्जित माना जाता है. मान्यताओं के मुताबिक शिव जी को काले रंग से बैर है. खासतौर से जो भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और भोलेनाथ की आराधना करते हैं उन्हें काले या फिर किसी भी गहरे रंग के कपड़े बिल्कुल भी नहीं पहनने चाहिए. इस दिन पूजा में साफ और धुले कपड़े पहनने चाहिए.


महाशिवरात्रि के दिन पहनें इस रंग के कपड़े


महाशिवरात्री के दिन हरे रंग का कपड़ा पहनना अति उत्तम माना जाता है. भोलेनाथ की पूजा में हरे रंग के इस्तेमाल से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं. हरे रंग के सूती कपड़ों के अलावा इस दिन लाल, सफेद,पीला और संतरी रंग के कपड़े पहनना भी शुभ माना जाता है. महाशिवरात्रि की पूजा में लड़कों का धोती पहनना अच्छा माना जाता है. 


महाशिवरात्रि व्रत की पूजा-विधि (Mahashivratri Puja Vidhi)


इस दिन मिट्टी के लोटे में पानी या दूध भरकर, उसमें बेलपत्र, आक-धतूरे के फूल और चावल डालकर इसे शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए. अगर आस-पास कोई शिव मंदिर नहीं है, तो आप घर में ही मिट्टी का शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा कर सकते हैं. इस दिन शिव चालीसा, शिव पुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र या शिव के पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप अवश्य करना चाहिए. महाशिवरात्री के दिन रात्रि जागरण भी किया जाता है.


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