Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है. आज पूरे देश में महाशिवरात्रि का महापर्व मनाया जा रहा है. इस पावन दिन पक भोलेनाथ और माता -पार्वती का विवाह हुआ था. इन दोनों के मिलन के रूप में इस दिन महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. 


इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह हुआ था और यह त्योहार उनके दिव्य मिलन का जश्न मनाने के लिए हर साल मनाया जाता है. साथ ही यह शिव और शक्ति के मिलन का भी प्रतीक है.


महाशिवरात्रि फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ती है. इस दिन को शिव भक्त बहुत ही खास तरह से मनाते हैं. शिव जी की ससुराल की बात करें, तो शिव जी की ससुराल कनखल (हरिद्वार) को माना जाता है. कनखल में स्थित दक्ष मंदिर में भगवान शिव और माता सति विवाह के पवित्र बंधन में बंधे थे. मान्याता अनुसार शिव जी कनखल में पूरे सावन भर दक्षश्वेर रूप में विराजमान रहते हैं. माता सती ने देह त्यागने समय श्री हरि भरनाव विष्णु जी से वर मांगा कि वो जन्म-जन्म शिवजी से जुड़ी रहें.


माता पार्वती का जन्म पहाड़ों के स्वामी पर्वतराज हिमवान के घर हुआ. पहाड़ों में जन्म और पर्वतराज की पुत्री पार्वती कहलायी. इसीलिए शिव जी की ससुराल हिमालय भी है. माता पार्वती  हिमवान और रानी मैना की बेटी हैं. माता पार्वती का जन्म उत्तराखंड के चमोली ज़िले में हुआ था. वहां उन्हें नंदा के रूप में पूजा जाता है. 


माता पार्वती के मायका का नाम हिमालय है. वेदों और पुराणों के अनुसार, माता पार्वती भगवान शिव की पत्नी हैं और उनके साथ कैलाश पर्वत पर रहती हैं. लेकिन उनके जन्म के समय वे हिमालय पर्वत में रहती थीं. वह बाद में शिव जी से विवाह कर उनके साथ कैलाश पर्वत पर रहने चली गईं.


 


महाशिवरात्रि शुभकामनाएं (Happy Mahashivratri 2024)


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