Mahatma Vidur Niti: महात्मा विदुर एक दासी के पुत्र थे. महाराज धृतराष्ट्र के सौतेले भाई थे. महाभारत काल में इन्होंने अपनी नीतियों से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया. इन्हें कुशल राजनीतिज्ञ कहा जाता है. इनके द्वारा कही हुई बातों को अपनाकर जीवन में सफलता प्राप्त की जा सकती है. इन्होंने आम इंसान की जिंदगी को सरल बनाने के लिए और सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत छोटे-छोटे उपाय बताए हैं. जिसके माध्यम से जीवन जीना और उन्नति करना आसान हो जाता है.
विदुर की 10 महत्वपूर्ण बातें (Mahatma Vidur Niti)
- जो विश्वास के योग्य नहीं है, उस पर तो कभी भी विश्वास नहीं करना चाहिए, लेकिन जो विश्वास के योग्य है भी, उस पर भी अधिक विश्वास नहीं करना चाहिए. विश्वास से जो भय उत्पन्न होता है. वह मूल उद्देश्य का भी नाश कर देता है.
- काम, क्रोध, लोभ ये तीनों नरक के द्वार है. यह तीनों आत्मा का नाश करने वाले हैं. इसलिए इनसे हमेशा दूर रहना चाहिए.
- अच्छे कर्म करने वाला, बुरे कर्म से दूर रहने वाला पंडित कहलाता है.
- जो अपने आदर सम्मान होने पर खुशी से फूला नहीं समाता है. अनादर होने पर क्रोधित नहीं होता है. ऐसा व्यक्ति ज्ञानी कहलाता है.
- किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले यह जरूरी है कि आप पूरा मन बना ले. अधूरे मन से किया गया कार्य अधूरा होता है. आपको किसी कार्य में पूरी तरह से सफलता तभी मिलेगी जब आप पूरे मन से उस कार्य को करेंगे.
- जो व्यक्ति अपने मन पर काबू नहीं रख पाता वह कभी सफलता प्राप्त नहीं कर पाता.
- अपना धन किसी ऐसे व्यक्ति को नहीं देना चाहिए, जिसकी नियत में आपको संदेह हो. ऐसा व्यक्ति आपके धन का दुरुपयोग करता है बल्कि आपको मुश्किल में भी डाल सकता है.
- जो व्यक्ति शक्तिशाली होने पर भी क्षमा कर सके और निर्धन होने पर भी दान दे सके, स्वर्ग में स्थान पाता है.
- जो व्यक्ति हमेशा बीमार रहता है. उसे अपने शरीर के साथ-साथ धन का भी नुकसान उठाना पड़ता है. इसलिए बीमारी से बचे रहना सबसे बड़ा सुख है.
- आलसी व्यक्ति को कभी भी अपना धन नहीं सौंपना चाहिए. अपने आलस्य के कारण वह धन का सर्वनाश कर देता है.
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