Vidur Niti for Happy Life: महात्मा विदुर दासी पुत्र और धृतराष्ट्र के महामंत्री थे. इनकी बातों का संकलन विदुर नीति कहलाती है. विदुर नीति जितनी ही महाभारत काल में प्रासंगिक थी उससे कहीं ज्यादा आज भी प्रासंगिक और महत्वपूर्ण है. विदुर नीति में जीवन से संबंधित कई महत्वपूर्ण सूत्र बताये गए हैं. जिनके पालन से व्यक्ति सुखमय और सम्मानित जीवन जीता है और मृत्यु के बाद स्वर्ग लोक को प्रस्थान करता है. विदुर नीति में मानव की ऐसी 6 आदतों का वर्णन किया गया है जिनको छोड़ देने से व्यक्ति सुखी जीवन प्राप्त करता है.
मानव की ये 6 आदतें जिसे तुरंत छोड़ दें
अति अभिमान: विदुर नीति के अनुसार, व्यक्ति को कभी भी अति अभिमानी अर्थात घमंडी नहीं होना चाहिए. घमंडी व्यक्ति हर समय अपनी प्रशंसा करने और खुद को दूसरों से अधिक समझदार मानने वाला होता है. ऐसे लोगों को दुनिया कभी पसंद नहीं करती है. इनकी उम्र कम होती है.
अति वाचाल: इंसान को कभी भी अति वाचाल अर्थात बहुत अधिक बोलने वाला नहीं होना चाहिए. व्यक्ति को हमेशा कम और सटीक ही बोलना चाहिए. ऐसे लोग जो ज्यादा और व्यर्थ बोलने वाले होते हैं. वे जाने अनजाने कई बार ऐसी बातें बोल देते हैं. जिसके कारण उन्हें काफी परेशानी का समाना करना पड़ता है. ऐसा इंसान कभी सुखी नहीं रह सकता है.
क्रोध करना: व्यक्ति को कभी अधिक गुस्सा नहीं करनी चाहिए. कभी-कभी व्यक्ति बहुत अधिक गुस्से में कुछ ऐसी चीजें कर देता है जिसके नुकसान की भरपाई वह ताउम्र नहीं कर पाता है. महात्मा विदुर कहते हैं कि अधिक गुस्सा करने वालों की उम्र कम हो जाती है.
स्वार्थ की भावना: विदुर नीति के अनुसार व्यक्ति अगर अपने जीवन में सुख-शांति चाहता है तो उसे अपने अंदर त्याग और सर्मपण की भावना रखनी होगी. जिसके अंदर त्याग और समर्पण की कमी होती है. उस व्यक्ति का जीवन दुखदायी रहता है. अर्थात ऐसा व्यक्ति हमेशा दुखी रहता है.
मित्रों को धोखा देना: विदुर नीति के अनुसार अपने मित्रों को धोखा देना महापाप माना जाता है. लोगों को यह आदत तुरंत छोड़ देनी चाहिए. ऐसे लोगों की उम्र बहुत कम होती है.
लालची होना: लालची व्यक्ति कभी सुखी नहीं रह सकता है. इसलिए व्यक्ति को लालच हमेशा के लिए त्याग देना चाहिए.
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