Vidur Niti: कब और क्यों करनी चाहिए इन चार लोगों की प्रशंसा
Vidur Niti: महात्मा विदुर ने हस्तिनापुर सम्राट धृतराष्ट्र को न्याय संगत कुछ बातें बताई थी जिसे विदुर नीति के नाम से जाना जाता है.
Mahatma Vidur Niti: हिंदू धर्म में महाभारत को पांचवें वेद की संज्ञा दी गई है. महाभारत काल में महात्मा विदुर ने धृतराष्ट्र को न्याय संगत बातें बताई थी. इसी को विदुर नीति कहा जाता है. महात्मा विदुर एक कुशल राजनीतिज्ञ और कूटनीतिज्ञ थे. सामाजिक कार्यों और मानव जीवन की उन्नति के लिए उन्होंने लोगों को धैर्य और संयम से रहने की सलाह दी है. महात्मा विदुर का ज्ञान और अनुभव आज के समय में बहुत प्रासंगिक है. महात्मा विदुर ने अपने विदुर नीति में बताया है कि इन चारों लोगों की प्रशंसा करनी चाहिए.
ये है प्रशंसा के पात्र
- स्त्री: स्त्री को पूजनीय मानते हुए महात्मा विदुर जी कहते हैं कि वह स्त्री सदैव प्रशंसा की पात्र है जिसके ऊपर उसकी जवानी के दिनों में कोई कलंक न लगा हो.
- अन्न: महात्मा विदुर जी कहते हैं कि ऐसा अन्न जिसको खाने से वह आसानी से पच जाए और हमें किसी प्रकार का कोई रोग न हो ऐसे अन्न अथवा भोजन की सदैव प्रशंसा करनी चाहिए.
- योद्धा: महात्मा विदुर जी कहते हैं कि किसी भी युद्ध को जीतने के लिए एक योद्धा की आवश्यकता होती है. इसलिए हमें युद्ध जीतने के बाद उस योद्धा की प्रशंसा अवश्य करनी चाहिए जिसकी वजह से हम युद्ध जीते हैं.
- ज्ञानी: महात्मा विदुर जी कहते हैं कि कोई भी व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेने के बाद सम्मान के योग्य हो जाता है. एक साधारण तपस्वी भी ज्ञान प्राप्त करने के बाद सम्मान के योग्य हो जाता है. अतः हमें हमेशा ज्ञानी व्यक्ति की प्रशंसा करनी चाहिए.
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