गुरू उदय 2021: मकर राशि में गुरू का उदय, शनि देव के घर में बुध और शुक्र के साथ बना रहे हैं युति, जानें शुभ-अशुभ फल
Guru Uday 2021: गुरू यानि बृहस्पति ग्रह. बृहस्पति ग्रह व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह संतान, जीवन साथी, धन, सम्पति, मार्गदर्शक, प्रशासक, शिक्षा, ज्योतिष, धर्म, उच्च पद आदि का कारक माना गया है.
Guru Tara Uday 2021: गुरू अस्त से उदय होने जा रहे हैं. देव गुरू बृहस्पति बीते 19 जनवरी 2021 को मकर राशि में अस्त हुए थे. अब गुरू का उदय होने जा रहा है. ज्योतिष गणना और पंचांग के अनुसार गुरू 16 फरवरी मंगलवार को प्रात: 6 बजकर 17 मिनट पर उदित हो रहे हैं.
मकर राशि में गुरू का हो रहा है गोचर मकर राशि में गुरू गोचर कर रहे हैं. मकर राशि शनिदेव की राशि मानी जाती है. शनि मकर राशि में ही विराजमान हैं और वर्षभर इसी राशि में रहेंगे. इसके साथ ही 16 फरवरी के पंचांग के अनुसार गुरू और शनि के अलावा, बुध और शुक्र भी मौजूद रहेंग.
मकर राशि में ग्रहों की चाल इस समय मकर राशि में सबसे अधिक हलचल हो रही है. मकर राशि को पृथ्वी तत्व की राशि माना गया है. जन्म कुंडली में ये 10 वे ग्रह का प्रतिनिधित्व करती है जो कर्म का स्थान है. मकर राशि में चार ग्रहों की युति बनी हुई है. जिसमें से बुध वक्री हो चुके हैं. शुक्र 16 फरवरी को अस्त हो रहे हैं. मकर राशि में गुरू नीच राज योग भंग का निर्माण भी कर रहे हैं. क्योंकि मकर राशि में गुरू नीच के हो जाते है. इस स्थिति में
गुरू शुभ फल ही प्रदान करते हैं. कुंडली में गुरू की शुभ-अशुभ स्थिति के अनुसार मिलेंगे फल गुरू के उदय होने का फल जन्म कुंडली में गुरू की स्थिति पर निर्भर करेगा. यानि जन्म कुंडली में यदि गुरू की स्थिति शुभ है और शुभ ग्रहों की दृष्टि है तो व्यक्ति को अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे. वहीं अशुभ स्थिति होने पर गुरू शुभ फल देने में असर्मथ रहेंगे.
गुरू शुभ हैं या अशुभ, ऐसे लगाएं पता जन्म कुंडली में गुरू शुभ हैं या अशुभ इसका पता आसानी से लगाया जा सकता है. जैसे गुरूजन नाराज हो जाएं, या फिर पेट संबंधी दिक्कतें बढ़ने लगें और उच्च पद पर बैठे लोगों का सहयोग कम मिलने लगे तो समझ लेना चाहिए कि कहीं न कहीं गुरू का प्रभाव कम हो रहा है. वहीं शिक्षा, आय के स्त्रोत, उच्चपद और समाज में मान सम्मान में वृद्धि होने लगे तो इसका अर्थ ये है कि गुरू शुभ फल प्रदान कर रहे हैं.
गुरू को कैसे बनाएं शुभ भगवान विष्णु की पूजा करने से गुरू प्रसन्न होते हैं. इसके साथ ही बृहस्पति वार को केले के पेड की पूजा करने से भी गुरू का दोष समाप्त होता है. छात्रों की मदद करने, ज्ञान को बांटने से भी गुरू प्रसन्न होते हैं. स्वर्ण धारण करने से भी गुरू ग्रह शांत होता है.
इन राशियों को रखना होगा ध्यान गुरू के उदय होने से मेष, कर्क, सिंह राशि, कन्या, तुला, धनु राशि के जातकों के लिए लाभ की स्थिति बन रही है. वहीं वृषभ, मिथुन, वृश्चिक, मीन, मकर और कुंभ राशि वालों को सेहत, बिजनेस के मामले में सावधानी बरतने की जरूरत है.
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