Makar Sankranti 2021: मकर संक्रांति पर स्नान और दान करने से कालसर्प और पितृ दोष की अशुभता होती है कम
Rahu Ketu: मकर संक्रांति का पर्व आने वाला है. मकर संक्रांति पर पूजा, स्नान और दान का विशेष महत्व माना गया है. मकर संक्रांति का पर्व कालसर्प और पितृ दोष भी दूर करता है.
Makar Sankranti 2021 Date And Time: पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी 2021 को मनाया जाएगा. धार्मिक ग्रंथों में मकर संक्रांति के पर्व को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. इस दिन बनने वाले शुभ योग में पूजा, स्नान और दान करने से कई प्रकार की मुसीबतों से छुटकारा मिलता है वहीं जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है. इसके साथ ही मकर संक्रांति का पर्व कई प्रकार के दोषों को भी दूर करता है.
कालसर्प और पितृ दोष शांत होता है कुंभ का पहला पर्व स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर हो रहा है. कुंभ का आयोजन इस बार हरिद्वार में किया जा रहा है. मकर संक्रांति पर पवित्र नदी में स्नान को महत्वपूर्ण माना गया है. कुंभ स्नान करने से कालसर्प और पितृदोष का प्रभाव कम होता है.
राहु-केतु के कारण कालसर्प और पितृ दोष बनता है. जिन लोगों की जन्म कुंडली में ये दोष मौजूद रहते हैं उन्हें हर कार्य में बाधाओं का सामना करना पड़ता है. जॉब और बिजनेस में कठोर परिश्रम करने के बाद भी उचित सफलता नहीं मिलती है. जीवन में धन की कमी बनी रहती है. जमा पूंजी नष्ट हो जाती है. रोग आदि भी घेर लेते हैं.
मकर संक्रांति पर बन रहा है विशेष योग मकर संक्रांति के पर्व के अवसर पर 5 ग्रही योग का निर्माण हो रहा है. इस दिन मकर राशि में सूर्य के साथ, शनि, गुरु, बुध और चंद्रमा एक साथ विराजमान रहेंगे. इस दिन दोपहर 13:48:57 से 15:07:41 तक राहु काल रहेगा. राहु काल में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं.
संक्रांति का पुण्य काल मकर संक्रांति पर पुण्य काल का विशेष महत्व होता है. ऐसी मान्यता है कि पुण्य काल में पूजा और दान आदि के कार्य करने से मकर संक्रांति का पूर्ण लाभ प्राप्त होता है. मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव प्रात: 8 बजकर 20 मिनट के करीब धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे. पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति का पुण्यकाल सूर्यास्त तक बना रहेगा.
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