Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है? जानें इस दिन दान करने का क्यों है इतना महत्व
Makar Sankranti 2024 Significance: मकर संक्रांति को तिल संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन का सनातन धर्म में विशेष महत्व है. इस दिन से सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं.
Makar Sankranti 2024 Date: हिंदू धर्म में मकर संक्रांति पर्व का विशेष महत्व है. जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब मकर संक्रांति मनाई जाती है. नए साल का सबसे पहला पर्व मकर सक्रांति होता है. मकर संक्रांति हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार माना जाता है. वैसे तो मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाती है लेकिन साल 2024 में मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा.
ज्योतिषाचार्य डॉक्टर अनीष व्यास ने बताया कि ग्रहों के राजा सूर्य 14 जनवरी 2024 की अर्धरात्रि 02:42 मिनट पर मकर राशि में गोचर करेंगे. उदया तिथि 15 जनवरी को प्राप्त हो रही है. ऐसे में मकर संक्रांति 15 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी. मकर संक्रांति के साथ ही एक माह का खरमास भी समाप्त हो जाएगा.
मकर संक्रांति से बदलता है वातावरण
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि मकर संक्रांति के बाद नदियों में वाष्पन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, जिससे कई सारी शरीर के अंदर की बीमारियां दूर हो जाती हैं. इस मौसम में तिल और गुड़ खाना काफी फायदेमंद होता है. यह शरीर को गर्म रखता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि उत्तारायण में सूर्य का ताप शीत को कम करता है. 15 जनवरी मकर संक्रांति के साथ ही ठंड के कम होने की शुरुआत मानी जाती है.
मकर संक्रांति पर करें दान
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान देना बेहद पुण्यकारी माना जाता है. इस दिन खिचड़ी का दान देना विशेष फलदायी माना गया है. इस दिन से सभी शुभ कार्यों पर लगा प्रतिबंध भी समाप्त हो जाता है. इस पर्व पर खिचड़ी सेवन और खिचड़ी दान का अत्यधिक महत्व बताया जाता है. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन प्रसाद के रूप में खाई जाने वाली खिचड़ी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है. इससे पाचन क्रिया सुचारु रूप से चलने लगती है.
मकर संक्रांति पर बनेगा रवि योग
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि साल 2024 मेंमकर संक्रांति पौष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 15 जनवरी को रवि योग, शतभिषा नक्षत्र में मनाई जाएगी. इस दिन वारियांन योग पूरे दिन रहेगा. रवि योग सुबह 7:15 से 8:07 बजे तक रहेगा.
मकर संक्रांति पतंग महोत्सव पर्व
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि यह पर्व 'पतंग महोत्सव' के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन लोग छतों पर खड़े होकर पतंग उड़ाते हैं. हालांकि पतंग उड़ाने के पीछे कुछ घंटे सूर्य के प्रकाश में बिताना मुख्य वजह बताई जाती है. सर्दी के इस मौसम में सूर्य का प्रकाश शरीर के लिए स्वास्थवर्द्धक और त्वचा और हड्डियों के लिए बेहद लाभदायक होता है.
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