Mangal Upay: ज्योतिष शास्त्र में मंगल को योद्धा का दर्जा प्राप्त है. यह स्वभाव से एक गतिशील ग्रह माना जाता है. इसे आवेश और ऊर्जा का कारक माना जाता है. मंगल मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी हैं. कुंडली में मंगल ग्रह मजबूत हो तो व्यक्ति स्वभाव से निडर और साहसी होते हैं. वहीं कुंडली में मंगल अशुभ स्थिति में बैठे हों तो जातक को विभिन्न क्षेत्रों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. 


कुंडली में मंगल दोष के संकेत


कुंडली में मंगल की स्थिति कमजोर हो तो व्यक्ति को बेवजह किसी भी बात पर गुस्सा आने लगता है और उसका स्वभाव चिढ़चिढ़ा हो जाता है. पीड़ित मंगल की वजह से जातक किसी भी नए काम की शुरुआत नहीं कर पाता है. उस हर काम में असफल रहने का भय बना रहता है. कुंडली में मंगल कमजोर होने की व्यक्ति ज्यादातर समय थका हुआ महसूस करता है. उसका आत्मविश्वास कमजोर होता है. पीड़ित मंगल की वजह से व्यक्ति को किसी दुर्घटना का सामना भी करना पड़ सकता है.



इसके अलावा, जातक के मंगल के कमजोर होने से पारिवारिक जीवन में भी कई चुनौतियां आती है. जातक को शत्रुओं से पराजय, जमीन संबंधी विवाद, कर्ज़ आदि समस्याओं से गुजरना पड़ता है. कुंडली में मंगल पीड़ित हो तो व्यक्ति को रक्त संबंधी रोग होने की संभावना रहती है. विवाह में देरी और रुकावट कुंडली में अशुभ मंगल के सबसे हानिकारक प्रभावों में से एक है. 


अशुभ मंगल को शुभ बनाने के उपाय 


मंगल ग्रह को मजबूत करने का सबसे आसान उपाय है बजरंगबली की पूजा करना. जिन लोगों का मंगल कमजोर हो उन लोगों को मंगलवार के दिन कम से कम दो बार हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. जिन लोगों का मंगल कमजोर होता है उनको कम से कम 12 या 21 मंगलवार का व्रत रखना चाहिए और हनुमान मंदिर में जाकर देसी घी दीपक जलाना चाहिए. मंगल को मजबूत करने के लिए गेहूं, मसूर दाल, कनेर का फूल, गुड, लाल कपड़ा, तांबा, सोना, लाल चंदन आदि का दान करना चाहिए.


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