Astrology: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, बच्चे के स्वाभाव पर ग्रहों की स्थिति का नियंत्रण होता है. कुछ बच्चे बचपन से ही स्वभावतः बहुत जिद्दी, गुस्सा करने वाले और उठापटक करने वाले होते हैं. वे किसी की बात सुनने को राजी नहीं होते हैं. आइये जानें ग्रहों की कौन सी विशेष स्थिति होती है जो बच्चो को जिद्दी और क्रोधी स्वभाव का बना देती हैं.


बच्चे जिद्दी क्यों होते हैं?



  • यदि बच्चे की कुंडली में मंगल और बुध ग्रह एक साथ हों, तो ऐसे बच्चों को बहुत जल्द गुस्सा आता है और जिद्दी स्वभाव के होते हैं.

  • कुंडली में लग्नेश ग्रह का राहु के साथ होने से भी बच्चा जिद्दी और मनमानी करने वाला होता है.

  • बच्चों की कुंडली में सूर्य और मंगल का योग बच्चों को क्रोधी और जिद्दी बनाता है.

  • जब कुंडली में मंगल और राहु एक साथ हों तो बच्चा आक्रामक स्वाभाव का होता है. छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने लगता है और अपनी जिद्द के आगे किसी की भी नहीं सुनता है.

  • कुंडली में बृहस्पति और राहु के योग से गुरुचाण्डाल योग बनता है. जो बच्चे को नकारात्मक व्यवहार करने का कारक बनता है.

  • कुंडली में मंगल और केतु का योग भी बच्चों में क्रोध और जिद्दी स्वभाव पैदा करता है.

  • जिन बच्चों की कुंडली में लग्न भाव में मंगल विराजमान हो तो वे जिद्द और मनमानी करते हैं.

  • कुंडली में चंद्रमा और राहु का योग होने से बच्चा बहुत जल्द इरिटेट होने लगता है.

  • जिस बच्चे की कुंडली के प्रथम भाव या पंचम भाव में कोई अशुभ योग जैसे गुरुचण्डाल योग, ग्रहण योग, अंगारक योग या मंगल राहु का योग आदि बना हो तो ऐसे में बच्चे की प्रकृति अधिक गुस्सा और जिद्द करने वाली होती है.

  • कुंडली में शनि और मंगल का योग होने से बच्चा जिद्दी और उठा पटक करने वाला होता है.

  • बच्चे की कुंडली में लग्न में सूर्य का होना बच्चे को डोमिनेटिंग बनाता है.


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