(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Manglik Dosh: असफलता,शादी में देरी,कर्ज जैसी दिक्कतें लाता है मांगलिक दोष, जानें कैसे करें दूर
Mangal Dosh Remedies: कुंडली में मंगल दोष हो तो व्यक्ति को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. ज्योतिष में मांगलिक दोष को दूर करने के लिए कई उपाय भी बताए गए हैं.
Manglik Dosh Effect: ज्योतिष में मंगल को ऊर्जा, भूमि, शक्ति, साहस, पराक्रम और शौर्य का कारक माना गया है. अगर कुंडली में मंगल अच्छी स्थिति में हो तो व्यक्ति स्वभाव से बहुत साहसी होता है. वो बिना भय के किसी भी काम को अंजाम देता है. वहीं कुंडली में मंगल की अशुभ अवस्था व्यक्ति को कई तरह की मुसीबतों में डाल देती है. पीड़ित मंगल जातकों को बहुत कष्ट पहुंचाता है. यही वजह है कि मंगल को क्रूर ग्रह भी कहा जाता है.
मांगलिक दोष के प्रभाव
कुंडली में मंगल कमजोर हो तो जातक हमेशा किसी ना किसी परेशानी में लगा रहता है. पीड़ित मंगल के प्रभाव से व्यक्ति किसी ना किसी दुर्घटना का शिकार हो सकता है. ऐसे लोगों को पारिवारिक जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. खास तौर से वैवाहिक जीवन के लिए मंगल दोष बहुत अशुभ माना जाता है. इस दोष की वजह से ही जातक के दाम्पत्य जीवन में कलह, परेशानी, तनाव, तलाक आदि होने की संभावना सबसे अधिक रहती है.
पीड़ित मंगल शत्रुओं से पराजय, जमीन विवाद, कर्ज जैसी दिक्कतें भी पैदा करता है. मंगल दोष हो तो पीड़ित का विवाह बहुत देरी से तय होता है. अगर कुंडली में मंगल ग्रह प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में बैठा हो तो मांगलिक दोष बनता है.
मंगल दोष दूर करने के उपाय
मंगल के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए कुछ उपाय बहुत कारगर माने जाते हैं. इसके लिए मंगलवार के दिन व्रत करें और हर दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें. आगर आप घर बनवा रहे हैं तो उस घर में लाल पत्थर अवश्य लगवाएं. बंधुजनों को मिठाई खिलाने से भी मंगल शुभ होता है. किसी लाल कपड़े में
दो मुट्ठी मसूर की दाल बांधकर मंगलवार के दिन किसी भिखारी को दान करने से पीड़ित मंगल से राहत मिलती है.
मंगलवार के दिन हनुमानजी के चरणों से सिंदूर लेकर उसका टीका माथे पर लगाना चाहिए. बंदरों को गुड़ और चने खिलाएं. घर में लाल पुष्प वाले पौधे या वृक्ष लगाने से भी लाभ मिलता है. इसके अलावा मंगल से मंत्रों का जाप करना भी आपके लिए लाभकारी होगा.
मंगल का वैदिक मंत्र
ॐ अग्निमूर्धा दिव: ककुत्पति: पृथिव्या अयम्।
अपां रेतां सि जिन्वति।।
मंगल का बीज मंत्र
ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः
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