Margashirsha Amavasya Puja: मार्गशीर्ष माह हिंदू कैलेंडर का नौवां महीना माना जाता है. ज्‍योतिष शास्त्र में इस मास को बहुत शुभ माना गया है. यह महीना भगवान कृष्‍ण को अत‍िप्रिय है. इस शुभ माह में देवी लक्ष्‍मी और भगवान कृष्‍ण की उपासना की जाती है. इस माह में आने वाली अमावस्या का खास महत्व होता है. इसे अगहन अमावस्या भी कहा जाता है. आज यानी 12 दिसंबर को मार्गशीर्ष की अमावस्या है. आज के दिन दान-दक्षिणा का खास महत्व होता है.


मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व


मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण, स्नान, दान-धर्म आदि कार्य किये जाने का विधान है. आज के दिन देवी लक्ष्मी का पूजन करना भी शुभ माना जाता है. यह दिन पितरों के तर्पण के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने, पितरों का पूजन करने और दान-दक्षिणा करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है. इस दिन नदी के तट पर पितरों के निमित्त तर्पण कर उनके मोक्ष की कामना करनी चाहिए. 



इस दिन जल ग्रहण नहीं करना चाहिए. पूजा-पाठ के बाद किसी जरुरतमंद व्यक्ति को भोजन और वस्त्र आदि चीजों का दान करें. मार्गशीर्ष अमावस्या का व्रत रखने से समस्याओं का अंत होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.


मार्गशीर्ष अमावस्या पर करें सत्यनारायण पूजा


मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पितरों की आत्मा की शांति और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष पूजा-पाठ की जाती है. इस दिन भगवान सत्यनारायण की भी पूजा भी की जाती है. इस दिन सत्यनारायण पूजा करने से सफलता मिलती है. इससे घर के सदस्यों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार आता है. सत्यनारायण भगवान की पूजा से घर सुख-समृद्धि आती है और पिछले जन्म के सारे पाप दूर होते हैं. भगवान सत्यनारायण की कथा का पाठ करने के बाद यह पूजा संपन्न मानी जाती है. 


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