Matsya Jayanti 2023 Puja,Upay and Significance: चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की तृतिया तिथि के दिन मत्स्य जयंती मनाई जाती है. इस दिन भगवान विष्णु के मत्स्य रूपी अवतार की पूजा करने का विधान है. मत्स्य अवतार भगवान विष्णु ने दशावतार यानी 10 अवतारों में पहला अवातर है. इस रूप में प्रकट होकर श्री हरि ने प्रलय से सृष्टि को बचाया और वेदों को पुन: प्राप्त किया था.


इस साल मत्स्य जयंती शुक्रवार 24 अप्रैल 2023 को पड़ रही है. इस दिन सुबह 10 बजे से शाम 4 बजकर 15 मिनट तक का समय पूजा के लिए शुभ रहेगा. मत्स्य जयंती पर श्रद्धाभाव से पूजा-अर्चना करने पर भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है. लेकिन इसी के साथ मत्स्य जयंती के दिन किए जाने वाले कुछ विशेष कामों के बारे में बताया गया है. इन कामों को करने से भगवान प्रसन्न होते हैं.



भगवान विष्णु ने क्यों लिया मत्स्य अवतार?


भगवान विष्णु ने सृष्टि के कल्याण के लिए सभी अवातर लिए. ठीक इसी तरह भगवान का मत्स्य रूपी अवतार भी सृष्टि के कल्याण के लिए था. भगवान विष्णु के विशालकाय मछली के रूप के बारे में धार्मिक व पौराणिक कथा के अनुसार, सृष्टि को प्रलय की विपत्ति से बचाने के लिए भगवान को मत्स्य अवतार लेना पड़ा था. साथ ही इस अवतार में भगवान ने वेदों की भी रक्षा की. कथा के अनुसार, कश्यप और दिति के दैत्य पुत्र ने वेदों को समुद्र की गहराइयों में छिपा दिया था. तब भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लेकर उनसे युद्ध किया और वेदों को पुन: प्राप्त कर महर्षि वेदव्यास जी को सौंप दिया.


मत्स्य जयंती पर जरूर करें ये काम



  • मत्स्य जयंती के दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ ही इस दिन मछलियों को खाना जरूर खिलाएं. ऐसा करना बहुत ही शुभ माना जाता है. मत्स्य जयंती के दिन जो व्यक्ति आटे की गोली बनाकर मछलियों को खिलाता है, उससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और उसे विशेष कृपा प्राप्त होती है.

  • मत्स्य जयंती के दिन पवित्र नदी में स्नान का महत्व है. इस दिन किए नदी स्नान से तन और मन की शुद्धि होती है. नदी स्नान किसी कारण संभव न हो तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान किया जा सकता है.

  • मत्स्य जंयती पर गरीब, जरूरमंदों और ब्राह्मणों को 7 तरह के अनाज यानी सतनाजा का दान करना चाहिए. साथ ही इस दिन मंदिर में हरिवंशपुराण का दान करने से भी पुण्य मिलता है.

  • मत्स्य जयंती के दिन विधिपूर्वक भगवान की पूजा करें और पूजा में भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार से जुड़ी कथा जरूर पढ़ें. साथ ही मत्स्य जयंती पर 'ॐ मत्स्यरूपाय नमः’ मंत्र का जाप भी करें.


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