शनि के विभिन्न मंत्र हैं. उनमें बीज मंत्र और स्तुति मंत्र आते हैं. शनिदेव की कृपा पाने के लिए ध्यान भी बेहद महत्वपूर्ण है. इस मंत्र को अच्छे ये याद कर हम शनि के गुणों को बढ़ा सकते हैं. मनोबल श्रेष्ठ कर सकते हैं. न्याय और जन कल्याण के कार्याें को बल दे सकते हैं. कोर्ट-कचहरी के मामलों में राहत पा सकते हैं. कार्याें में सहज गति ला सकते हैं.


इन्द्रनीलद्युतिः शूलीवरदोगृध्रवाहनः।
बाणबाणासनधरः कर्त्तव्यार्कसुतस्तथा।।


यह मंत्र ध्यानावस्था में दुहराएं. शनैः शनैः ध्यान में आगे बढ़ते जाने पर यह मंत्र स्वतः मौन जाप की अवस्था में आ जाता है. इससे शनि के सकारात्मक प्रभावों में तेजी से वृद्धि होती है. साढ़े साती और ढैया के पीढ़ित लोगों को इस मंत्र का नियमित जाप करते हुए ध्यान करना चाहिए. इससे बैचेनी और मानसिक परेशानियों से राहत मिलती है. भाग्य की प्रबलता बढ़ती है.


रंगों जप के दौरान गहरे के वस्त्र पहनें. वातावरण को सहज प्रकाश में रखें. शनि प्रकृति की प्रधानता को पसंद करते हैं. शनिवार को इस मंत्र का जाप अत्यधिक फल देता है. कर्ज मुक्ति, आकस्मिक अवरोधों से राहत मिलती है. मकर संक्रांति से मीन संक्रांति के बीच शनि ग्रह के उपाय विशेष कारगर रहते हैं. अभी यह समय 13 फरवरी, शनिवार, 2021 तक बना हुआ है.