Meen Lgana: मीन का अर्थ होता है मछली. मछली के गुणों को देखें तो वह बहुत ही संवेदनशील होती है. साथ ही वह चंचल भी होती है. यह हल्की सी हलचल में अपनी दिशा बदल देती है. इनकी गतिशीलता इतनी अधिक होती है क्योंकि मछली एक स्थान पर टिकती नहीं है. इसी लिए उसका कोई घर भी नहीं होता है. बहुत अधिक मेहनत के लिए परमात्मा ने इनको नहीं बनाया है. मीन कुंडली में बारहवें स्थान में पड़ने वाली राशि है. द्विस्भाव की स्त्री राशि है. इसके कारण ऐसे जातकों का स्वभाव कभी जटिल तो कभी सरल होता है. इसे सौम्य राशि भी कहते हैं. यह राशि पूर्वाभाद्रपद के एक चरण, उत्तराभाद्रपद के चार चरण और रेवती नक्षत्र के चार चरण से मिलकर बनी है.


मीन लग्न का स्वामी बृहस्पति होता है. इसलिए गुरु को दो राशियों का अधिपत्य प्राप्त है, पहली धनु और दूसरी मीन. मीन का अर्थ होता है मछली. मीन लग्न में जन्मे जातकों का स्वभाव और हरकतें मछली की तरह होती हैं. ऐसा जातक पित्त प्रधान होता है. मीन वाले जातक को जल में बहुत अच्छा लगता है. वह जल के अत्यधिक प्रयोग में रुचि लेता है.


दिमागी रूप से व्यस्त रहते हैं

मीन जातकों में उच्च कोटि के भोग और ऐश्वर्य के जीवन जीने की प्रबल इच्छा रहती है. मीन लग्न वाला जातक बहुआयामी व्यक्तित्व का धनी होता है. मीन का जातक शारीरिक रूप से भले ही खाली हो, आराम कर रहा हो, लेकिन दिमागी रूप से बहुत व्यस्त रहता है. मीन लग्न वाला हमेशा दिमागी रूप से फुर्तीला होता है. इसलिए देखा गया है कि ऐसे जातकों का सामान्य ज्ञान बहुत अच्छा होता है. यह भौतिक सुखों की ओर अधिक प्रयासरत रहते हैं. इन्हें बहुत धन प्राप्त करने की इच्छा होती है. इस लग्न वाले को यदि अवसर मिल जाए तो यह हर हथकंडे से उसका लाभ उठाता है.

मित्र कभी धोखा नहीं देते

यह बहुत कड़ी मेहनत नहीं कर पाते हैं, हां दिमागी रूप से चाहे जितनी मेहनत करवा लीजिए. साहस और भीरुता का मिश्रित व्यवहार परिलक्षित होता है. मीन वालों को मित्रों का सुख बहुत प्राप्त होता है, इन्हें मित्र कभी धोखा नहीं देते, भले ही यह मित्र को धोखा दे दें. मीन लग्न की स्त्री जातक बहुत गुणी और सुंदर होती हैं और इन्हें पुत्र-पौत्र का सुख प्राप्त होता है.


गुरु का सम्मान करना जरूरी

मीन लग्न का स्वामी गुरु मूल त्रिकोण के पंचम भाव में जाकर उच्च का होता है. मीन लग्न के जातकों के लिए आत्मा और कर्म दोनों के स्वामी गुरु होते हैं. इसलिए मीन लग्न वालों को हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि अनजाने में भी उनसे अपने शिक्षक का निरादर न हो जाए. मीन लग्न वालों को वृद्धों की सेवा करने की इच्छा हमेशा रखनी चाहिए. यह सब करने से मीन लग्न वाले को शांति और आत्मबल में वृद्धि होगी. मीन लग्न के  जातकों को कभी धन की ओर ज्यादा ध्यान देना नहीं चाहिए.


संगीत में रुचि रखते हैं

मीन लग्न वालों के लिए शुक्र बहुत अच्छे फल नहीं देता है. अगर कुंडली में शुक्र अच्छा या उच्च का हो जाए तो ऐसा जातक शास्त्री संगीत में बहुत रुचि लेता है. इस लग्न वालों को आयु के साथ-साथ शक्कर की मात्रा घटाते चलना चाहिए क्योंकि इस लग्न वालों को मधुमेह रोग होने के आसार सर्वाधिक होते हैं. मीन लग्न वालों की कन्याएं बहुत सुशील और गुणवान होती हैं. मीन वाला जातक घर से निकलता है कहीं के लिए और पहुंच कहीं जाता है. यह अपनी दिशा बदलने मे तनिक भी देरी नहीं करता है. मीन जातकों के भाग्य का स्वामी मंगल होता है. इसलिए भाग्य और कोष में वृद्धि के लिए हनुमान जी की उपासना करनी चाहिए. प्राय: देखा गया है मीन लग्न वाले व्यक्ति की सत्ता के विपक्षियों के साथ ज्यादा बनती है.


सरकार के आलोचक होते हैं


यह सरकार का आलोचक होता है. शनि इन लोगों के लिए आय और व्यय का स्वामी है. यदि कुंडली में शनि की स्थिति आय की ओर से अच्छी बने तो यह अधिक आय कराते हैं और यदि व्यय की ओर से स्थिति ज्यादा मजबूत बनती हैं तो यह खर्च के साथ-साथ दुर्घटनाएं भी कराती हैं. इसलिए मीन वालों को कुंडली दिखाकर ही नीलम रत्न धारण करना चाहिए अन्यथा नुकसान भी हो सकता है. इन लोगों के लिए कन्या, कर्क, वृश्चिक, धनु अच्छे मित्र होते हैं.


होली 2020: कैसे बचे भक्त प्रहलाद, किसने की उनकी रक्षा, ये है होली की पूरी कहानी