May 2022, Budh Vakri 2022, Budh Ast 2022 : मई का महीना आरंभ हो चुका है. ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से मई का महीना बहुत ही विशेष माना जा रहा है, बीते 1 मई 2022 को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगा था, यानि मई 2022 की शुरूआत ही प्रमुख खगोलीय घटना से हुई है. विशेष बात ये है कि साल का पहला चंद्र ग्रहण भी इसी महीने लगने जा रहा है. माना जाता है कि जब कोई ग्रह अपनी चाल बदलता है या राशि परिवर्तन करता है तो इसका प्रभाव देश-दुनिया के साथ सभी राशियों पर भी पड़ता है. मई में बुध ग्रह की चाल में सबसे अधिक परिवर्तन देखने को मिल रहा है. ये ग्रह मई में किस तरह से परिवर्तन कर रहा है, आइए जानते हैं.
10 मई को वृषभ राशि में बुध होने जा रहे हैं वक्री (Budh Vakri 2022)
मई का पहला परिवर्तन 10 मई को होने जा रहा है. इस दिन बुध वृषभ राशि में वक्री होंगे. यानि इस दिन बुध उल्टी चाल चलेंगे. बुध का ज्योतिष शास्त्र में लेखन, व्यापार, कम्युनिकेशन, गणित आदि का कारक माना गया है. बुध के बारे में कहा जाता है कि ये ग्रह साल में 3 से 4 बार वक्री होता है. पंचांग के अनुसार बुध 10 मई को शाम 5 बजकर 16 मिनट पर वृषभ राशि में वक्री होगा, इसके बाद 3 जून, 2022 को मार्गी होगा.
13 मई को वृषभ राशि में बुध ग्रह अस्त होगा (Budh Ast 2022)
10 मई को बुध वक्री होने के बाद 13 मई को पंचांग के अनुसार बुध अस्त हो जाएंगे. मान्यता है कि जब कोई ग्रह सूर्य के बेहद नजदीक आ जाता है तो वो ग्रह अस्त हो जाता है. बुध अस्त होने पर अपना पूर्ण शुभ फल प्रदान नहीं कर पाते हैं. पंचांग की गणना के अनुसार 13 मई को बुध ग्रह सुबह 12 बजकर 56 मिनट पर वृषभ राशि में अस्त होगा इसके बाद ये ग्रह 30 मई, 2022 को इसी राशि में अपनी सामान्य अवस्था में वापस आ जाएगा.
मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है बुध ग्रह (Gemini and Virgo)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मिथुन और कन्या राशि का स्वामी बुध ग्रह को बताया गया है. बुध ग्रह की चाल में होने वाला ये परिवर्तन इन दो राशियों को अधिक प्रभावित करेगा. बुध की अशुभता से बचने के लिए बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा करें.
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