Mercury Retrograde September 2021: मिथुन और कन्या राशि के स्वामी बुध अब वक्री होने जा रहे हैं. यानि बुध अब उल्टी चाल चलेंगे. बुध का व्रकी होने ज्योतिष शास्त्र में विशेष माना गया है. बुध को बुद्धि और वाणी का कारक माना गया है. इसके साथ ही लेखन, तर्क शास्त्र, गणित, कॉमर्स, हास्य विनोद आदि का कारक भी बुध ग्रह को बताया गया है. बुध का संबंध त्वचा से भी है. इसलिए बुध जब मार्गी से वक्री होंगे तो इन कारको को प्रभावित करेंगे.
तुला राशि में बुध गोचर कर रहे हैं, जहां पर शुक्र भी विराजमान हैं. शुक्र और बुध की युति से तुला राशि में लक्ष्मी नारायण योग बना हुआ है. बुध का वक्री होने मेष से मीन राशि तक के लोगों को प्रभावित करने जा रहा है.
बुध वक्री 2021
पंचांग के अनुसार 27 सितंबर 2021, सोमवार को आश्विन मास की षष्ठी तिथि को प्रात: 10 बजकर 40 मिनट पर बुध वक्री होंगे. बुध 18 अक्टूबर 2021 तक वक्री अवस्था में रहेंगे. इसके साथ ही 02 अक्टूबर 2021 को वक्री अवस्था में ही बुध का राशि परिवर्तन कन्या राशि में होगा. कन्या राशि में बुध 18 अक्टूबर 2021 को वक्री से मार्गी होंगे.
राशिफल
बुध के वक्री होने पर सबसे अधिक प्रभाव कन्या और तुला राशि पर देखने को मिलेगा. क्योंकि बुध का परिवर्तन इन्हीं दो राशियों को अधिक प्रभावित कर रहा है. इस दौरान निवेश के मामले में सावधानी बरतनी होगी, वाणी दोष की स्थिति न बनने दें. मेष, कर्क, सिंह और धनु राशि वाले व्यापार को लेकर अधिक गंभीर दिखाई देंगे. नए कार्यों को आरंभ कर सकते हैं या फिर रूपरेखा बना सकते हैं. वृष, मिथुन, वृश्चिक और कुंभ राशि वाले क्रोध और अहंकार पर काबू रखें, नहीं तो बने काम भी बिगड़ सकते हैं. मकर और कुंभ राशि वाले बाजार में निवेश सोच समझ कर करें. सेहत का ध्यान रखें.
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