Budh Grah, Week Mercury Planet:  ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, हर ग्रह का शुभ और अशुभ प्रभाव होता है. जब बुध ग्रह (Budh Grah) प्रबल होते हैं तो शुभ प्रभाव डालते हैं. वहीं जातक की कुंडली (Kundali) में जब बुध की स्थिति दुर्बल होती है. तब इन जातकों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. कभी –कभी कुछ लोगों की गलत आदतें भी कुंडली में बुध को कमजोर कर देती हैं. इस कारण से इनके दुष्प्रभाव बढ़ जाते हैं. ज्योतिष के अनुसार, कुंडली में बुध जब कमजोर होने लगते हैं. तो आपके जीवन में ऐसी कुछ घटनायें होने लगती हैं जिससे बुध के कमजोर होने के संकेत मिलते हैं. आइये जानते हैं कि वे कौन से संकेत हैं, जो बुध के कमजोर होने को प्रदर्शित करते हैं.


कुंडली में बुध के कमजोर होने के संकेत  



  • जब आप का कर्ज बढ़ने लगे और आर्थिक स्थिति खराब होने लगे तो यह समझ लेना चाहिए कि आपकी कुंडली में बुध दुर्बल हो रहें हैं.

  • जब आपकी पद-प्रतिष्ठा, मान-सम्मान और यश में कमी होने लगे तो समझ जाना चाहिए कि कुंडली के बुध कमजोर हो रहें हैं.

  • जब आप बीमारियों से परेशान होने लगे, चेहरे की आभा यानी तेज फीका पड़ने लगे तो यह संकेत बुध के कमजोर होने का होता है.

  • जब जातकों को अंहकार होने लगे तथा सोचने समझने की शक्ति प्रभावित होने लगे तो यह स्थिति बुध के कमजोर होने का संकेत करती है.

  • कुंडली में बुध ग्रह के दुर्बल होने से नौकरी और व्यापार में भी मुश्किलें आने लगती हैं.

  • जिन लोगों की कुंडली में बुध कमजोर होते हैं. उनमें भ्रमित रहने और शंका करने की आदत विकसित हो जाती है.

  • जातकों में चर्मरोग, पेचिश और अतिसार होने लगे तो यह संकेत बुध के कमजोर होने के हैं.

  • कुंडली में बुध के कमजोर होने से वाणी प्रभावहीन होने लगती है तथा आपके कहने का दूसरों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.

  • यदि बहन, बुआ और मौसी से संबंध खराब होने लगे, तो यह संकेत बुध के कमजोर होने के हैं.  



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