(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Jyotish Vidya: रोज-रोज की टेंशन से परेशान हैं तो राहु-केतु को ऐसे करें शांत
Jyotish Vidya: मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह या फिर कोई भी राशि हो. टेंशन यानि मानसिक तनाव सभी राशि वालों को होता है. समस्या तब गंभीर हो जाती है जब ये तनाव लगातार बना रहे. इसके लिए राहु और केतु का उपाय करना चाहिए.
Jyotish Vidya: टेंशन देने में राहु और केतु सबसे आगे रहते हैं. जब जन्म कुंडली में राहु और केतु अशुभ होें तो व्यक्ति को जबरदस्त मानसिक तनाव देते हैं. इतना ही नहीं व्यक्ति की सोचने की क्षमता का भी नाश कर देते हैं. जिस कारण व्यक्ति निर्णय नहीं ले पाता है. भ्रम की स्थिति बनी रहती है और एक प्रकार का अज्ञात भय व्यक्ति के मन में बैठ जाता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु और केतु को पाप ग्रह माना गया है. लेकिन ये शुभ और अशुभ दोनों तरह के फल प्रदान करते हैं. राहु और केतु के बारे में कहा जाता है कि ये दोनों ग्रह शुभ हों तो व्यक्ति रंक से राजा बन जाता है और यदि अशुभ हो तो व्यक्ति को राजा से रंक भी बना देता है. राहु को सिर और केतु को धड़ माना गया है. केतु के पास अपना दिमाग नहीं है. इसलिए केतु अधिक टेंशन देता है.
राहु-केतु अशुभ होने पर हर तरह की परेशानी देते हैं. व्यक्ति को धन हानि प्रदान करते हैं. व्यक्ति की जमा पूंजी नष्ट हो जाती है. व्यक्ति कर्जदार बन जाता है. परिवार और मित्रों से भी संबंध खराब हो जाते हैं और छोटे से छोटे कार्य में सफलता पाने के लिए व्यक्ति को बहुत अधिक संघर्ष करना पड़ता है.
गंभीर रोग प्रदान करता है राहु-केतु राहु केतु गंभीर रोग भी देता है. शनि और बुध के साथ ये दोनों ग्रह व्यक्ति को गंभीर रोग प्रदान करता है. इसके साथ ही ये दोनों ग्रह हर कार्य में अड़चन पैदा करते हैं. अपयश भी प्रदान कराते हैं.
राहु केतु का उपाय राहु-केतु को शुभ रखना बहुत ही आवश्यक है. ये दोनों ग्रह व्यक्ति की सफलता और असफलता में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं. इन दोनों के कारण ही व्यक्ति की कुंडली कालसर्प दोष का निर्माण होता है. पितृ दोष का कारण भी राहु और केतु ही है. राहु केतु का शुभ बनाने के लिए भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव का जल से अभिषेक करना चाहिए. गाय की सेवा करनी चाहिए. स्वच्छता का ध्यान रखें और किसी भी प्रकार से नशे से दूर रहना चाहिए. गलत संगत में भूलकर भी न बैठें. संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की पूजा करें.
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