Mesh Sankranti: आज 14 अप्रैल को सूर्य मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश कर रहे है. हिंदू धर्म में इसे मेष संक्रांति कहा जाता है. इस दिन का विशेष महत्व होता है. मेष संक्रांति के दिन स्नान- दान और तर्पण बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. मेष संक्रांति पर किए गए कुछ उपायों से पितृ दोष से छुटकारा मिलता है. कुंडली में पितृ दोष हो तो कार्यों में बार-बार रुकावट आती है. बार-बार बीमारी आती है और घर में कलेश बना रहता है. पितृ दोष की वजह से लोग आर्थिक रूप से भी परेशान हो जाते हैं. आइए जानते हैं पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए आप मेष संक्रांति पर क्या उपाय कर सकते हैं.


पितृ दोष से छुटकारा पाने के उपाय




  • मेष संक्रांति पर गंगा स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है. इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने के बाद पितरों का तर्पण करना चाहिए. इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.

  • आज के दिन बेल का फल, सत्तू, आम का टिकोरा और मिट्टी के घड़े में जल भरकर ब्राह्मण को दान करना चाहिए. इससे भी पितृ दोष का प्रभाव कम होता है.

  • सूर्य देव को पिता का दर्जा प्राप्त है. मेष संक्रांति पर ताम्बे के लोटे में जल, लाल फूल ,लाल चन्दन और रोली डाल कर सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए. साथ ही 11 बार 'ॐ घृणि सूर्याय नमः' मंत्र का जाप करने से पितर प्रसन्न होते हैं.

  • पितृदोष से पीड़ित लोगों को मेष संक्रांति के शुभ दिन श्री सूर्यदेव की विधिवत पूजा करनी चाहिए. इसके बाद पूर्वजों का स्मरण करते हुए ऊं पितराय नम: मंत्र का 21 बार जाप करना चाहिए.

  • मेष संक्रांति के दिन बिल्व पत्र के पेड़ की जड़ पर थोड़ा सा गाय का कच्चे दूध चढ़ाएं और उसी पेड़ से 21 बिल्व पत्र तोड़कर ले आएं. अब इसे तांबे या चांदी के एक लोटे में रख लें. इसमें गाय का दूध और थोड़े से काले तिल मिला लें. इन सामग्री को शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं. इससे पितृ दोष से छुटकारा मिलता है.

  • आज के दिन तांबे के लोटे में काला तिल, जौ और लाल फूल मिला कर दक्षिण दिशा की ओर मुख कर पितरों को जल चढ़ाएं और उनसे क्षमायाचना करें. इससे पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है और  किसी भी कार्य आने वाली सारी अड़चनें दूर हो जाती हैं


ये भी पढ़ें 


बैसाखी के दिन क्यों खाया जाता है सत्तू? जानें यह पौराणिक मान्यता


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.