Pitru Paksha: गया में आश्विन महीने में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला का आयोजन होता है. अब पौष महीने में मिनी पितृपक्ष शुरू है . पौष महीने के कृष्ण पक्ष में पिंडदान का विशेष महत्व है . यही कारण है देश के कोने कोने से हिंदू सनातन धर्मावलंबी यहां आकर अपने पितरों को मोक्ष दिलाने के पिंडदान, तर्पण व कर्मकांडो को पूरा करते है.


पौष महीने में गंगासागर जाने वाले तीर्थयात्री यहां पहले पिंडदान करते है फिर गंगासागर जाते है. मिनी पितृपक्ष में इस बार हिमाचल प्रदेश,राजस्थान,गुजरात मध्यप्रदेश,बंगाल,पंजाब सहित विभिन्न राज्य से तीर्थयात्रियों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका है जो अगले 18 जनवरी तक रहेगा .


ठंड पर भारी पड़ती श्रद्धा 


गया में बढ़ती ठंड पर श्रद्धा भारी दिख रहा है यहीं कारण है की फल्गु नदी के किनारे देवघाट पर सुबह से हीं पिंडदानियो की भीड़ उमड़ पड़ती है. वहीं इस बार गयाजी डैम के निर्माण हो जाने से फल्गु नदी का जल आसानी से तीर्थयात्रियों व पिंडदानियो को तर्पण के लिए उपलब्ध हो जा रहा है.


अपने पितरों का पिंडदान करने लखनऊ से आए पिंडदानी ने बताया की सर्दी के मौसम में सर्दी को दरकिनार कर लोग फैमिली टूर पर जा सकते है तो इस सर्दी में अपने पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए पिंडदान व तर्पण क्यों नही कर सकते हैं. 


पितरों के प्रति श्रद्धा का यह अनूठा संगम है जहां ठंड 6 से 7 डिग्री तापमान में भी ऊनी वस्त्र पहनकर अपने पितरों का पिंडदान, तर्पण आदि कार्यों को पूरा कर रहे है.


पिंडदान संपन्न करा रहे पंडा बताते हैं की गया धाम में सालोभर तीर्थयात्री पिंडदान, तर्पण करने आते है लेकिन पितृपक्ष के बाद पौष महीने के कृष्ण पक्ष में मिनी पितृपक्ष में लाखो तीर्थयात्री यहां आते है. इस बार मिनी पितृपक्ष मेला में 3 लाख तीर्थयात्रियों की आने की संभावना है.


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