Nag Panchami 2020: नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा राहु की अशुभता को दूर करने में सहायक होती है. राहु को ज्योतिष शास्त्र में छाया ग्रह माना गया है. इस ग्रह को अशुभ ग्रहों की श्रेणी में स्थान दिया गया है. कालयुग में राहु को बहुत ही प्रभावी ग्रह माना गया है. राहु जन्म कुंडली में जब शुभ होता है तो व्यक्ति को फर्श से अर्श पर पहुंचा देता है वहीं जब यह अशुभ होता है तो इसका उल्टा होता है. इसलिए जीवन में यदि सफलता प्राप्त करनी है तो राहु को ठीक रखना बहुत जरूरी हो जाता है.
मिथुन राशि में विराजमान हैं राहु
इस समय राहु मिथुन राशि में हैं. मिथुन राशि में राहु 23 सितंबर 2020 तक रहेंगे. इसके बाद राहु वृषभ राशि में गोचर करेगा. राहु सदैव उल्टी चाल चलता है. राहु मिथुन राशि में बीते वर्ष 7 मार्च 2019 को आए थे.
राहु का प्रभाव
राहु व्यक्ति की जन्म कुंडली के जिस भाव में भी बैठता है वह उसी तरह के फल प्रदान करता है. राहु अशुभ होने पर मानसिक कष्ट, धनहानि, बुरी संगत, कर्ज, जेल और रोग आदि प्रदान करता है. ज्योतिष शास्त्र में राहु चंद्रमा का उत्तरी कटान बिंदु है.
मिथुन राशि में राहु का फल
राहु जब मिथुन राशि में होता है तो व्यक्ति को पराक्रमी बनाता है. लेकिन मानसिक तनाव भी देता है. जमा पूंजी का नाश करता है. लेकिन कुछ मामलों में ख्याति भी प्रदान करता है. धन के मामले में कमजोर करता है. लेकिन सुख सुविधाओं में कोई कमी नहीं करता है. व्यक्ति जनसंपर्क में कुशल होता है. विदेश से लाभ प्राप्त करता है. लेखन, प्रकाशन, टेलीकॉम सेक्टर में सफल होता है.
राहु का उपाय
नाग पंचमी के दिन राहु को शुभ बनाने के लिए सुबह स्नान के बाद पूजा आरंभ करें. इस दिन पूजा की चौकी पर मिट्टी से नाग बनाकर स्थापित करें और उनकी पूजा करें. शिव चालीसा का पाठ करें. और पित्रों को याद करें. उनका आर्शीवाद प्राप्त करें. ऐसा करने से दोष दूर होता है.
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