Rahu-Ketu: मिथुन राशि वालों को जीवन में अचानक बाधाएं आने लगें. शिक्षा में रूकावट, जॉब जाने का खतरा और व्यापार में निरतंर असफलता जैसी समस्याएं आने लगें तो समझ जाना चाहिए कि राहु और केतु गड़बड़ कर रहे है. राहु केतु जब अशुभ होते हैं तो इस तरह की परेशानियां जीवन में आने लगती हैं.


राहु और केतु अशुभ हैं, इसका पता आसानी से लगाया जा सकता है. गंभीरता से ध्यान देने पर इन दोनों ग्रहों की शुभता और अशुभता का पता लगाया जा सकता है. राहु- केतु जब अशुभ होते हैं तो व्यक्ति को हर काम में परेशानी आने लगती है. अचानक जीवन में परेशानी आनी लगती है. हर काम में असफलता मिलने लगती है. जमा पूंजी नष्ट होने लगती है और कर्ज बढ़ने लगता है. मिथुन राशि वालों के जीवन में यदि इस तरह की दिक्कतें दिखाई देने लगें तो सावधान हो जाना चाहिए और तुरंत राहु और केतु को शुभ बनाने की दिशा में प्रयास शुरू कर देने चाहिए.


काल सर्प दोष का उपाय करें
मिथुन राशि के जिन जातकों की जन्म कुंडली में काल सर्प दोष या पितृ दोष मौजूद है, उन्हे अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यदि इन दोनों ही दोषों का उपाय न किया जाए तो व्यक्ति लंबे समय तब परेशान रहता है. यहां तक की जीवन भर व्यक्ति संघर्ष करता है और असफलताएं उसका पीछा नहीं छोड़ती है.


राहु केतु का उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु और केतु पाप ग्रह हैं. इन्हें छाया ग्रह भी कहा गया है. राहु- केतु शुभ और अशुभ दोनों तरह के फल प्रदान करते हैं. ये दोनों ग्रह जब शुभ होते हैं तो व्यक्ति को अचानक लाभ प्राप्त होता है. शुभ होने पर राहु और केतु फर्श से अर्श पर पहुंचा देते हैं क्योंकि ग्रहों का रहस्मय ग्रह माना गया है. ये ग्रह व्यक्ति को साहसी भी बनाते हैं. व्यक्ति जोखिम उठाने नहीं घबराता है.


राहु और केतु को शांत करने के लिए मिथुन राशि के जातकों को बुधवार के दिन भगवान गणेश जी की पूजा करनी चाहिए. वहीं संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत रखकर गणेश जी की प्रिय चीजों को अर्पित करना चाहिए.


इन बातों का रखें ध्यान
राहु और केतु अशुभ हो तो कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. स्वच्छता अपनानी चाहिए क्योंकि ये दोनों ग्रह उन लोगों पर अपनी अशुभता का अधिक प्रभाव डालते हैं जो स्वच्छता को नहीं अपनाता है. वहीं गलत संगत से दूर रहना चाहिए और नशा आदि नहीं करना चाहिए. झूठ बोलना और लोगों को धोखा देने से भी राहु और केतु की अशुभता बढ़ती है.


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